विस्थापितों के संपूर्ण पुनर्वास हेतु किसान संघर्ष समिति का संघर्ष जारी रहेगा

रेवा : किसान संघर्ष समिति की प्रदेश अध्यक्ष एड आराधना भार्गव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सिंगरौली विस्थापन संघर्ष समिति के संरक्षक अमित तिवारी और कालिका गुप्ता के आमंत्रण पर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष,पूर्व विधायक डॉ सुनीलम,प्रदेश अध्यक्ष एड आराधना भार्गव, राष्ट्रीय प्रवक्ता एड शिव सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह और प्रदेश सचिव संतकुमार पटेल एवं शत्रुघ्न यादव साथियों के साथ मोरवा के विस्थापितों से मिलने पहुंचे थे ,जहां हजारों विस्थापितों को उन्होंने संबोधित करते हुए सभी विस्थापितों के संगठनों से एकजुट होकर नया आदर्श शहर बसाने, प्रदेश की आदर्श पुनर्वास नीति 2002 के तहत समान  न्यायपूर्ण मुआवजा  पाने के लिए संघर्ष करने की अपील की थी ।एड आराधना भार्गव ने कहा कि डॉ सुनीलम मध्य प्रदेश के है तथा मध्य प्रदेश से ही दो बार विधायक चुने गए थे।डॉ सुनीलम मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो बार 50 और 60% वोटों से मुलतापी विधान सभा क्षेत्र से  विधायक चुनकर मध्यप्रदेश की विधानसभा पहुंचे तथा आज से 30 वर्ष पूर्व भी उन्होंने सिंगरौली में विस्थापन की आवाज बुलंद की। भारी बारिश के बीच हुई सभा में लोकहित समिति के अवधेश कुमार, कालिका गुप्ता सहित सभी दिग्गज मौजूद थे। एड आराधना भार्गव ने कहा कि गौतम अडानी गुजरात से है, मध्य प्रदेश के नहीं। बाहर का व्यक्ति गौतम अडानी है न कि डॉ सुनीलम।कार्यक्रम स्थल पर मोरवा के विस्थापितों ने जोर-शोर के साथ डॉ सुनीलम एवं उनकी टीम के सदस्यों का स्वागत किया था। विरोध करने का तो सवाल ही नहीं था। उन्होंने कहा कि एन सी एल के प्रबंधकों और गौतम अडानी के इशारे पर भाजपा के नेता विरोध कर रहे हैं।विस्थापन मंच के बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे शाहीन बाग का नाम लेकर मोरवा में हिंदू मुस्लिम की लड़ाई को रंग देना चाहते हैं।मोरवा के लोग गौतम अडानी को बाहर का व्यक्ति मानते हैं  गौतम अडानी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।उन्होंने कहा कि गौतम अडानी अनधिकृत तौर पर सिंगरौली में आकर राजनीतिक हस्तक्षेप करके लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं तथा मोरवा में बेरोजगारी भुखमरी तथा गरीबी की ओर धकेलना के लिए प्रयासरत है।राष्ट्रीय प्रवक्ता एड शिव सिंह ने कहा कि किसान संघर्ष समिति मोरवा के विस्थापितों के लिए हर स्तर पर संघर्ष करने को तैयार है। बिना पुनर्वास किये विस्थापन मंजूर नहीं है, इसके लिए सड़क से लेकर अपने समर्थक सांसदों के माध्यम से संसद तक  और जरूरत पड़ने पर न्यायालय में भी किसान संघर्ष समिति संघर्ष करेगी।

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी

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