जाति और वर्ग आधारित आरक्षण हमारे देश की जड़ों में कर रहा घुन का काम - प्रवेश मिश्रा

रीवा :  आरक्षण जाति एवं वर्ग के स्थान पर गरीबी आधारित हो।इतिहास गवाह है कि जब जब भारत वासी जाति,धर्म, मजहब के नाम पर वटे हैं तब तब आक्रांताओं द्वारा लूटे गये हैं!सैकड़ों वर्षो की गुलामी सही है और फिर हम पिटते पिटते सब कुछ भूलकर एक हुये और मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी तो देश आजाद हुआ और भारत का नव निर्माण हुआ!लेकिन जाति और वर्ग आधारित आरक्षण हमारे महान देश की जड़ो में घुन का काम कर रहा है जो भविष्य में बहुत ही घातक सिद्ध होगा!सभी भारत वासियों को समानता के साथ हित और अधिकार मिलें और देश वासी एक रहें इसके लिये अति आवश्यक है कि आरक्षण का आधार जाति एवं वर्ग के स्थान पर गरीबी हो!भारत के प्रत्येक गरीब को आरक्षण एवं आर्थिक सहयोग मिले चाहे वह किसी भी धर्म,मजहब,जाति,वर्ग का क्यों न हो?लेकिन हमारे यहां की दूषित वोट हित आधारित राजनीति और लालची पृवृति यह होने नहीं दे रही!76 वर्ष के आजाद भारत में भी किसी राजनैतिक दल या नेता में इतना दम नहीं कि वह स्वयं हित के बजाय राष्ट्र हित मे कड़ा निर्णय ले सकें और कुछ कर सकें उनका प्रत्येक निर्णय वोट (मत)आधारित हो गया है! परिणाम तह जातिवाद,क्षेत्रवाद , वर्गवाद की भावनायें प्रबल होकर देश आन्दोलित है!भारत सरकार को चाहिये कि वह आरक्षण का आधार जाति ,वर्ग के स्थान पर गरीबी घोषित करे! अमीर गरीब के बीच की खाई समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़े

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी 

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