पं.मित्रेश चतुर्वेदी फिर चुने गए राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष

रीवा :  राष्ट्रीय विप्र एकता मंच भारत का राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यसमिति एवं प्रतिनिधि सभा (जनरल कौंशिल)की वैठक शनिवार 20.09.25 को नई दिल्ली के द्वारका स्थित एक मीटिंग हॉल में राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें देश भर से आए पदाधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने एक स्वर में संगठन की एकता और सेवा भावना को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया।इस अवसर पर संगठन की आगामी कार्य योजना एवं कार्यक्रम तय किए गए तथा राष्ट्रीय कार्यसमिति का कार्यकाल पूर्ण होने के कारण भंग कर अध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मति से चुनाव संपन्न हुआ जिसमें एक बार फिर पंडित मित्रेश चतुर्वेदी को अगले 3 वर्ष के लिए सर्वसम्मति से करतल ध्वनि के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। संचालन कर रहे राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर शिव उपाध्याय ने श्री चतुर्वेदी को अगले कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने हेतु प्रस्ताव रखा। मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रवेश मिश्रा ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया तथा अन्य पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा करतल ध्वनि से समर्थन किया गया। तथा राष्टीय कार्यसमिति के पुनर्गठन का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मित्रेश चतुर्वेदी को सदन द्वारा दिया गया! राष्ट्रीय अध्यक्ष एक माह में नवीन कार्यसमिति का गठन करेंगे! इस अवसर पर ब्राह्मण समाज की मांगों को लेकर एक आठ सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया गया जिसकी कॉपी शीघ्र ही देश की राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को भेजी जाएगी। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्मण सदैव से सनातन धर्म का ध्वजवाहक रहा है।  सनातन धर्म की रक्षा के लिए ब्राह्मणों ने सदैव त्याग किया है।ब्राह्मण कभी शासन सत्ता का लोभी नहीं रहा। सनातन धर्म को चोट पहुंचाने के लिए हमेशा सबसे पहले ब्राह्मण समाज पर हमला करने का प्रयास किया गया। हर युग में ब्राह्मणों ने संघर्ष किया है और अपने धर्म एवं संस्कृति की रक्षा की है । वर्तमान समय में ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ रहा है। सनातन धर्म और राष्ट्र को चोट पहुंचाने वाली शक्तियां आज भी ब्राह्मण समाज को कमजोर करने की कोशिश में जुटी है । इनका मुकाबला करने के लिए संपूर्ण ब्राह्मण समाज सभी प्रकार के भेद मिटाकर एकजुट हो। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न आरक्षण एवं एससी एक्ट  गंभीर समस्याएं हैं। इनसे समाज को राहत दिलाने के लिए आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा। सदस्यता अभियान चलाकर प्रत्येक जिले में कम से कम 500 लोगों को संगठन से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय विप्र एकता मंच इस समय देश के 19 राज्यों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजमोहन शर्मा एवं प्रदेश महासचिव नीलेंद्र पाठक ने समस्त पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों का स्मृति चिन्ह भेंट करके तथा पटका उढा कर और फूलमाला पहनाकर जोरदार स्वागत किया।प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजमोहन शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया।इस अवसर पर  राष्ट्रीय प्रवक्ता विष्णु कांत दीक्षित,राष्ट्रीय सचिव तरुण चतुर्वेदी,राष्ट्रीय प्रभारी विनय चतुर्वेदी,राजस्थान के प्रदेश संयोजक विकास परीक,प्रदेश अध्यक्ष सुनील जोशी, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रवेश मिश्रा, उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आशीष उपाध्याय ,हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष बलराम शर्मा, उत्तर प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष मोहित उपाध्याय, उत्तर प्रदेश के प्रदेश महासचिव राकेश उपाध्याय, मध्यप्रदेश के महासचिव एस.एन.शर्मा, मनोज त्रिपाठी, महंत रॉबिन शर्मा,अजीत स्वामी, उमेश चतुर्वेदी,गोविंद शर्मा,राष्ट्रीय संगठन प्रचारक धीरज उपाध्याय,एम.पी.दुवे श्रीमति तारा दुबे,दिनेश शर्मा,पुनीत गौड़,वीएम चतुर्वेदी, सतीश चंद्र व्यास,डॉ शैलेंद्र झा,पुरुषोत्तम शर्मा आदि मौजूद थे।

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी 

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