ग्राम पंचायत दुलहरा में विकास के नाम पर खेल, घटिया सामग्री से खुली पोल सरपंच–सचिव पर सवाल, जनपद स्तर की चुप्पी भी खटक रही

रीवा :  जिले की तहसील सिरमौर अंतर्गत ग्राम पंचायत दुलहरा इन दिनों गलत कारणों से चर्चा में है। गांव में कराए गए निर्माण और विकास कार्यों को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है। ग्रामीणों का कहना है कि काम के नाम पर सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति की गई, जबकि मौके पर हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।

ग्रामीणों द्वारा दी गई शिकायत में सरपंच संतोष कोल और पंचायत सचिव मेदनी प्रसाद रावत पर ठेकेदार से मिलकर सरकारी पैसे के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए हैं।

मौके की तस्वीरें खुद बयान कर रहीं सच्चाई

ग्रामीणों ने जो तस्वीरें उपलब्ध कराई हैं,उनमें साफ दिख रहा है कि निर्माण कार्य में बेहद घटिया किस्म की सामग्री इस्तेमाल की गई है। कहीं गिट्टी में मिट्टी मिली है तो कहीं राख जैसी सामग्री डालकर काम चलाया गया।
न तो सामग्री ढंग से छानी गई और न ही मानकों का कोई ध्यान रखा गया।

ग्रामीणों का कहना है—
“अगर यही काम है तो कुछ महीने में सब बैठ जाएगा, पैसा तो पूरा निकाल लिया गया।”

कागज़ों में सब ठीक,ज़मीन पर सब गोल

शिकायत के मुताबिक कई कामों को रिकॉर्ड में पूरा दिखाकर भुगतान उठा लिया गया, लेकिन गांव में जाकर देखा जाए तो काम अधूरे पड़े हैं या फिर नाममात्र के हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकारी रकम का सही इस्तेमाल नहीं हुआ।

बिना जांच-परख के निकला भुगतान

ग्रामीणों का आरोप है कि काम पूरा होने से पहले न तो तकनीकी जांच हुई और न ही गुणवत्ता की कोई परख। सीधे-सीधे बिल पास कर दिए गए। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि आख़िर जिम्मेदारों ने आंखें क्यों मूंद रखीं?
 जनपद स्तर पर निगरानी क्यों नहीं?

गांव वालों का कहना है कि पंचायत में इतना सब होने के बावजूद जनपद पंचायत स्तर से कोई सख़्ती नहीं दिखाई दी। इसी वजह से अब जनपद सीईओ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि मामले की जांच में जनपद स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए।

ग्रामीणों की साफ मांग— बड़े अधिकारियों से हो जांच

ग्रामीणों ने मांग की है कि पूरे मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारी या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए,साथ ही मौके पर पड़ी सामग्री की तकनीकी व लैब जांच भी हो, ताकि सच सामने आ सके।अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस शिकायत को कितनी गंभीरता से लेता है, या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी

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