बीजेपी को किसान सम्मेलन करने का कोई अधिकार नहीं- शिव सिंह एडवोकेट

रेवा- देश के किसानों मजदूरों के खिलाफ लगातार कानून बनाने में प्रमुख भूमिका अदा करने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आगामी 25 दिसंबर को रीवा जिले के बसावन मामा गौवंश वन विहार में बीजेपी सरकार द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे l जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के नेता किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट शिव सिंह ने कहा कि जिस बीजेपी सरकार में किसानों के खिलाफ सितंबर 2020 में तीन काले कृषि कानून लाए गए उन काले कानूनो के खिलाफ दिल्ली की सीमा सहित  देश भर में जारी किसान आंदोलन दौरान सैकड़ो किसानों को शहादत देनी पड़ी। 13 महीने तक देश की राजधानी के बाहर सड़कों पर भीषण बारिश कड़ाके की ठंड बेतहाशा गर्मी में किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा आंदोलन दौरान किसानों को तरह-तरह से प्रताड़ित कर तानाशाही पूर्ण तरीके से उन्हें रोका गया दमन किया गया तथा क्रूरता पूर्वक आंदोलन कुचलने का प्रयास किया गया लेकिन किसान आंदोलन की ताकत एवं देश भर से मिले समर्थन से सरकार को झुकना पड़ा और दिसंबर 2021 में तीन काले कृषि कानून वापस लेना पड़ा। बिल वापसी के साथ-साथ केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चे के नाम पत्र जारी कर एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने लिखित में वादा किया लेकिन वादे के चार वर्ष बीत गए सरकार ने अभी तक एमएसपी की गारंटी का कानून नहीं बनाया और लगातार मोदी सरकार देश में किसानों मजदूरों के खिलाफ कानून बनाने पर आमादा है चाहे नवीन चार श्रमिक संहिताओं से जुड़ा कानून हो या बीज विधेयक कानून 2025 हो या फिर विद्युत संशोधन विधेयक 2025 हो ऐसे तमाम जन विरोधी कानून बनाए जा रहे हैं। शिव सिंह ने यह भी कहा कि सरकार की नाकामी का परिणाम था कि खाद के लिए किसान को लाठी खानी पड़ी तथा आज भी धान की फसल बेचने बारदाना के अभाव में किसान समितियों में कड़ाके की ठंड में रात दिन गुजारने को मजबूर है ऐसी स्थिति में बीजेपी को किसान सम्मेलन करने का कोई अधिकार नहीं है।

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