बिहार-दिल्ली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मोस्ट वांटेड गैंगस्टर रंजन पाठक समेत चार ढेर

दिल्ली के रोहिणी इलाके में बिहार और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में चार कुख्यात अपराधी मारे गए हैं, जिनमें मोस्ट वांटेड गैंगस्टर रंजन पाठक भी शामिल था। डीजीपी बिहार ने बताया कि यह गैंग चुनाव के दौरान दहशत फैलाने की बड़ी साजिश रच रहा था। रंजन पाठक के नेतृत्व में ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गैंग पिछले छह वर्षों से बिहार के सीतामढ़ी और आसपास के इलाकों में कई बड़े अपराधों को अंजाम देता आ रहा था।
रंजन पाठक और उसका गैंग हत्या, डकैती और अन्य संगीन अपराधों में शामिल था। डीजीपी ने बताया कि इस गैंग ने इलाके में लगातार पांच बड़े हत्याकांड किए, जिनमें हाल ही में ब्रह्मर्षि समाज के जिला अध्यक्ष गणेश शर्मा की हत्या भी शामिल है। इस हत्या ने स्थानीय समाज में काफी तनाव और भय का माहौल बना दिया था। रंजन और उसके साथी ‘कॉन्ट्रैक्ट किलर’ के तौर पर भी काम करते थे।
पुलिस को सूचना मिली थी कि यह गैंग हत्या के बाद दिल्ली में छिप जाता है। इसके आधार पर बिहार पुलिस ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से संपर्क किया और मिलकर ऑपरेशन प्लान किया। 22 और 23 अक्टूबर की मध्यरात्रि लगभग 2:20 बजे, पुलिस ने बहादुर शाह मार्ग के पास डॉक्टर अंबेडकर चौक से पंसाली चौक तक इलाके में गश्त और चेकिंग शुरू की। जैसे ही पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की, बदमाशों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। पुलिस और अपराधियों के बीच हुई गोलीबारी में चारों बदमाश गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने उन्हें तुरंत रोहिणी के डॉ. बीएसए अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के चार जवानों – इंस्पेक्टर अरविंद, SI मनीष, SI नवीन और एक अन्य – को भी गोली लगी। हालांकि, उनकी बुलेटप्रूफ जैकेट ने उनकी जान बचा ली। जवानों की बहादुरी से यह ऑपरेशन सफल रहा और बड़े अपराधियों को सुरक्षा के शिकंजे से बाहर निकालने में पुलिस को सफलता मिली।
डीजीपी बिहार ने बताया कि रंजन पाठक का गैंग पिछले कई वर्षों से बिहार पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था। ये अपराधी चुनाव के दौरान दहशत फैलाने की फिराक में थे, जिसके चलते इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी और अपराधियों को सख्त संदेश जाएगा। यह एनकाउंटर बिहार और दिल्ली पुलिस की संयुक्त सक्रियता का नतीजा है, जिसने मोस्ट वांटेड अपराधियों को धराशायी कर दिया। चुनाव के समय ऐसे अपराधियों की मौजूदगी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होती है, जिसे इस कार्रवाई से काफी हद तक समाप्त किया गया है।
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