अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में कम उपस्थिति, डीएम उदिता सिंह भी रहीं अनुपस्थित

रोहतास : सासाराम के मल्टीपरपज हॉल में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास निगम के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ रोहतास डीडीसी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, लेकिन इस दौरान रोहतास डीएम उदिता सिंह, जो स्वयं एक महिला अधिकारी हैं, समारोह में उपस्थित नहीं हो सकीं। उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सम्मानित करना, उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना था। हालांकि, कार्यक्रम में महिलाओं और छात्राओं की उपस्थिति अपेक्षा के अनुरूप नहीं देखी गई, जिससे आयोजन की प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे। कम उपस्थिति के पीछे कारण इस कार्यक्रम में महिलाओं और छात्राओं की कम भागीदारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं: प्रचार-प्रसार की कमी – आयोजन की जानकारी शायद सही ढंग से लोगों तक नहीं पहुंच पाई, जिसके कारण कम संख्या में लोग इसमें शामिल हुए।कार्यक्रम की योजना में खामियां – आयोजन के प्रबंधन और समन्वय में कमी के कारण लोगों की रुचि कम रही। महिला डीएम की गैर-मौजूदगी – जब एक वरिष्ठ महिला अधिकारी स्वयं इस आयोजन में नहीं आईं, तो इससे अन्य लोगों के उत्साह पर भी असर पड़ा हो सकता है। सामाजिक कारण – ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को लेकर अभी भी कई तरह की सामाजिक व सांस्कृतिक चुनौतियां बनी हुई हैं, जिससे वे ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने से हिचकिचाती हैं। स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला सशक्तिकरण को लेकर इस तरह के आयोजनों को अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है। कुछ लोगों ने कार्यक्रम की योजना में सुधार करने की मांग की, ताकि महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि जब महिला अधिकारी खुद इस तरह के आयोजनों में रुचि नहीं लेतीं, तो आम महिलाओं में जागरूकता कैसे बढ़ेगी? भविष्य के लिए जरूरी कदम महिला दिवस जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों को सफल बनाने के लिए प्रशासन को बेहतर योजना बनानी होगी। जागरूकता अभियानों को मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इन कार्यक्रमों का हिस्सा बन सकें। इसके साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों और समाज के प्रभावशाली लोगों को भी ऐसे आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि महिला सशक्तिकरण का संदेश पूरे समाज में प्रभावी ढंग से पहुंचे।
रिपोर्टर : पंकज कुमार
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