सहारा इंडिया के पूर्व उप प्रबंध निदेशक ओपी श्रीवास्तव को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने किया गिरफ्तार

सहारा इंडिया के पूर्व उप प्रबंध निदेशक ओपी श्रीवास्तव को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने किया गिरफ्तार 

 

कभी अपने आप में बड़ा नाम दशकों तक भारतीय क्रिकेट को स्पोंसर करने वाला और कर्मचारियों के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह सहारा इण्डिया अब केवल नाम ही बचा है सहारा प्रमुख सुब्रत राय के निधन के बाद ये बड़ा व्यापारिक समूह अपना पतन अपनी आँखों से देख रहा है। 

 

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फिलहाल सहारा इंडिया से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। आपको बताते चलें कि कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ कानूनी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी क्रम में सहारा इंडिया के पूर्व उप प्रबंध निदेशक ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ़ ओपी श्रीवास्तव को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 150 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के मुताबिक लखनऊ निवासी ओपी श्रीवास्तव को ईडी के कोलकाता स्थित कार्यालय में घंटों की पूछताछ के बाद जांच में सहयोग न करने के आधार पर हिरासत में लिया गया। सहारा इंडिया पर वर्षों से निवेशकों की मोटी रकम न लौटाने के आरोप थे। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कंपनी पर 1.79 लाख करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है।

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सूत्रों के अनुसार जमाकर्ताओं के करीब 750 करोड़ रुपये सहारा के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खातों में पहुंचाए गए थे, जिनमें से 150 करोड़ रुपये ओपी श्रीवास्तव के पास जाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश दिया था कि सहारा समूह की संपत्तियों को बेचकर प्रभावित निवेशकों को पैसा लौटाया जाए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के अनुसार ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ़ ओपी श्रीवास्तव पर निवेशकों से धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से अर्जित धन को शेल कंपनियों के माध्यम से घुमाने का गंभीर आरोप है।

 

ईडी अधिकारियों ने बताया कि ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ़ ओपी श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए कोलकाता स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया था। दिनभर चली लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जांच एजेंसी का कहना है कि पूछताछ के दौरान श्रीवास्तव संघीय एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे और पोंजी फर्मों से जुड़ी धोखाधड़ी पर सही जानकारी नहीं दे रहे थे। सूत्रों ने श्रीवास्तव को एक प्रमुख व्यक्ति और "निर्णय लेने वाले" निदेशक के रूप में वर्णित किया है। उन पर यह भी संदेह है कि वह सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद संगठन की संपत्तियों की गुप्त बिक्री में शामिल रहे थे।

जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया किओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ़ ओपी श्रीवास्तव हाल ही में ईडी की जांच के दायरे में तब आए, जब एजेंसी ने समूह की 707 एकड़ जमीन जब्त की थी। इस गहन जांच के दौरान ही उनका नाम सामने आया, जिसके बाद ईडी ने शिकंजा कसा। ईडी का आरोप है कि निवेशकों से धोखाधड़ी के इस विशाल मामले में श्रीवास्तव की अहम भूमिका है और उनकी गिरफ्तारी से समूह के भीतर धन के अवैध लेन-देन और संपत्ति की बिक्री से जुड़े कई राज सामने आ सकते हैं।


एक समय सहारा इंडिया परिवार में सुब्रत राय के बाद सबसे प्रभावशाली व्यक्ति माने जाने वाले ओपी श्रीवास्तव लंबे समय से सुर्खियों से दूर थे। सहारा छोड़ने के बाद वे एक अन्य कंपनी से जुड़ गए थे और जांच एजेंसियों की नजर से भी काफी समय तक दूर रहे। ओपी श्रीवास्तव की लखनऊ में पतंजलि की लॉन्चिंग में उनकी भूमिका हमेशा चर्चा में रही। सुब्रत राय के निधन के बाद से उनके और सहारा परिवार के बीच रिश्ते ठंडे पड़ गए थे। इसका असर विभिन्न कानूनी और वित्तीय मुद्दों में स्पष्ट दिख रहा था।

 

 

 

 

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