बिहार ललित कला अकादमी द्वारा राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी आयोजित

सहरसा : कला,संस्कृति एवं युवा विभाग के अंतर्गत बिहार ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित द्वितीय राज्य स्तरीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ।इसमें लोककला, चित्रकला,मूर्तिकला,फोटोग्राफी, रेखांकन और ग्राफिक्स के कुल 118 कलाकृतियों का चयन हुआ है। प्रदर्शनी का उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोती लाल प्रसाद द्वारा किया गया।यह प्रदर्शनी 18अप्रैल सें 8 मई तक ललित कला अकादमी पटना में लगी रहेंगी।जिसमें हमारे जिला को गोरवान्वित करते हुए "लोककला के चयनित कलाकृतियों में चैनपुर सहरसा के मनोज कुमार मिश्रा की सुपुत्री अर्चना मिश्रा" का भी चयन हुआ है।विदित हो कि अर्चना विगत 10 वर्षों से कला के क्षेत्र सक्रियता से अपना योगदान दे रही है। हाल ही में इनकी मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी ललित कला अकादमी बिहार और ललित कला अकादमी दिल्ली में भी लगी थी।बचपन से ही पेंटिंग में रुचि रखने वाली अर्चना ने गणित से स्नातकोत्तर के साथ प्राचीन कला केन्द्र चंडीगढ़ से पेंटिंग में स्नातकोत्तर है।अर्चना की कला स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हर मंच पर सहराना बटोर चुकी है। एक तरफ जहां अर्चना मिथिला पेंटिंग में अपनी सशक्त पहचान बना चुकी है वहीं दूसरी तरफ वो डिजिटल पेंटिंग में भी कई बेहतरीन काम कर रही है इसी क्रम में उनका रामायण के डिजिटल पेंटिंग का सीरीज कैलेंडर भी प्रकाशित हो चुकी है। कला के विभिन्न आयामों में छाई अर्चना बताती है कि वो एक कलाकार के तौर पर सदैव अपना उत्कृष्ट देने का प्रयास करती है और इसी दिशा में प्रयासरत है. उनका सपना है कि जिस तरह मधुबनी और दरभंगा मिथिला पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध हो चुकी है उसी तरह हमरा सहरसा भी मिथिला पेंटिंग और कला के लिए जाना जाए और भविष्य में यहां के कलाकारों को भी राष्ट्रीय पुरस्कार और पद्मश्री जैसे सम्मान मिले। वर्तमान में फरीदाबाद में रह रही अर्चना अपने बेहतरीन कलायात्रा का श्रेय अपने माता-पिता के साथ अपने जीवनसाथी आकाश भारद्वाज तथा सास-ससुर किरन चौधरी और अनिल चौधरी को देती है। वो बताती है एक स्त्री के लिए विवाहपोरांत उनके जीवनसाथी का सहयोग ही संबल बन उन्हे और सशक्त बनाती है।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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