आतंकी और उसके समर्थकों को मुंहतोड़ जवाब दे सरकार : नन्हे

सहरसा : जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुई भीषण आतंकी घटना पर आरएसएस धर्म जागरण जिला संयोजक सागर कुमार नन्हें ने प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित कर घाटी में पुनः सिर उठाने का दुस्साहस करने वाले मजहबी आतंकवाद का समूल नाश हो। जिस प्रकार हिन्दू पर्यटकों के पैंट उतारकर, कलमा पूछ कर और आईडी चेक कर,जब यह सुनिश्चित हो गया कि वे मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू है, तब उनका नरसंहार किया गया, घोर निंदनीय है।यह केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है।आखिर यह देश किस दिशा में जा रहा है,जहां धर्म के आधार पर जान ली जा रही है?यह समय सिर्फ सहानुभूति जताने का नहीं, बल्कि खुलकर आतंकी और उसके समर्थकों को मुंहतोड़ जवाब देने का है।इस अमानवीय घटना पर संपूर्ण देश स्तब्ध व आक्रोशित है।यह साफ दिखाई दे रहा है कि 1990 के आतंकवाद के दिनों की वापसी का दुस्साहस हो रहा है।नन्हें ने कहाँ की पूरे देश मे आतंकवादियों के स्लीपर सेल आज भी मौजूद हैं जो कभी भी आतंकवाद के इन घृणित घटनाओं को करने के लिए तत्पर रहते हैं।उन्होंने स्मरण कराया कि कुछ दिन पूर्व ही एक सांसद ने कहा था कि कश्मीर में जो यात्री या पर्यटक आ रहे हैं या जमीन खरीद रहे हैं वे यहां सांस्कृतिक अतिक्रमण कर रहे हैं।उसके कुछ दिन के बाद ही पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष ने कहा कि था हमारे सामने कश्मीर को वापस लेना ही एक मात्र एजेंडा रह गया है।वही पश्चिम बंगाल मे वक्फ के नाम पर हिन्दुओं का नरसंहार।अपने उस एजेंडे की पूर्ति के लिए ही शायद उसने यहां जिहादी आतंकवादी हमला कराया।उन्होंने ने यह भी कहा कि यह कोई सामान्य आतंकवादी घटना नहीं अपितु, हिन्दुओं के विरुद्ध खुले युद्ध की घोषणा है। इसका जवाब भारत सरकार को उतनी ही शक्ति से देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतंकवाद के दिन दुबारा लौटने का,कोई नेता या सैन्य अधिकारी इस तरह के शब्द बोलने की दुस्साहस ना कर सके।नन्हें ने यह भी कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता लेकिन उसका मजहब अवश्य होता है, यह साफ दिखाई देता है। उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत के मुस्लिम नेता इस निर्मम नरसंहार पर क्यों चुप्पी साधे हैं? वे वक्फ एक्ट का झूठा डर दिखाकर तो पूरे देश में अफरा तफरी मचा सकते हैं लेकिन, कश्मीर घाटी में मारे गए इन मासूम हिंदू यात्रियों की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरने का साहस नहीं कर सकते। यह स्थिति अच्छी नहीं है,इसको स्वीकार नहीं किया जा सकता।इस पर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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