महिला संवाद कार्यक्रम : सहरसा में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय

सहरसा : बिहार सरकार के "महिला संवाद" कार्यक्रम ने सहरसा जिले में महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा दी है । यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को न केवल सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहा है, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और सामुदायिक विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित भी कर रहा है । ग्रामीण महिलाओं की समस्याओं और आकांक्षाओं का मंच कार्यक्रम के 18वें दिन जिले भर की हजारों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक इसमें हिस्सा लिया । पंचायत स्तर पर आयोजित इन संवादों में महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, वृद्धावस्था पेंशन, सोलर लाइट, जल-जमाव, सामुदायिक भवन और सिंचाई संसाधनों से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर चर्चा की । साथ ही, इन मुद्दों पर सरकार से अपेक्षाओं और सुझावों को साझा किया।संवाद में भाग लेने वाली महिलाएं अपने जीवन की प्रेरणादायक कहानियाँ और अनुभव साझा कर रही हैं । कई महिलाएं जीविका से जुड़कर आत्मनिर्भर बनी हैं और छोटे व्यवसाय शुरू कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सशक्त बना रही हैं । उनकी उपलब्धियाँ अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं । जिले के सभी 10 प्रखंडों में 24 महिला संवाद रथ संचालित हो रहे हैं । ये रथ पंचायत स्तर पर पहुँचकर ऑडियो-वीडियो संदेशों, लघु फिल्मों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं । साथ ही, विभिन्न योजनाओं पर आधारित लीफलेट्स का वितरण कर योजनाओं की जानकारी सरल भाषा में प्रदान की जा रही है ।कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, महिला आरक्षण नीति, जीविका योजना, सतत जीविकोपार्जन योजना, छात्रवृत्ति योजना और बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी 31 से अधिक योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इन योजनाओं के तहत पात्रता और लाभों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है, जिससे महिलाएं योजनाओं से सीधे लाभान्वित हो सकें ।महिला संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के नाम लिखे गए संदेश पत्र को भी पढ़ा और वितरित किया जा रहा है । यह संदेश महिलाओं को न केवल प्रेरित कर रहा है, बल्कि सरकार के प्रति उनके विश्वास को और मजबूत कर रहा है।समस्याओं से समाधान तक की यात्रा महिला संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को केवल जागरूक करना नहीं, बल्कि उन्हें सामुदायिक विकास और निर्णय प्रक्रिया में भागीदार बनाना है । महिलाएं अब न केवल अपनी समस्याओं की पहचान कर रही हैं, बल्कि समाधान सुझाने में भी सक्षम हो रही हैं।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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