महिला संवाद कार्यक्रम में उठी ब्यूटीशियन, सिलाई, कंप्यूटर व मिथिला पेंटिंग की ट्रेनिंग की मांग

सहरसा : ग्रामीण महिलाओं में तकनीकी प्रशिक्षण को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। जिले के सौरबाजार प्रखंड अंतर्गत सुहथ पंचायत में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लेकर स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए कौशल विकास की मांग की । महिलाओं ने विशेष रूप से ब्यूटीशियन कार्य, सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण और मिथिला पेंटिंग जैसे हुनरों में प्रशिक्षण की आवश्यकता जताई।कार्यक्रम में बीपीएम आनंद प्रकाश ने जीविका योजना की जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उन्हें स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक चेतना और महिला सुरक्षा से भी जोड़ रही है । उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर समूहों में जोड़ा जा रहा है ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। आनंद प्रकाश ने बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति की चर्चा करते हुए कहा कि यह नीति महिलाओं को समान अवसर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और शासन में नेतृत्व की भूमिका देने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रही है । उन्होंने अपील की कि जो महिलाएं अब तक जीविका से नहीं जुड़ी हैं, वे आगे आएं और इससे लाभ लें।सुरभी ग्राम संगठन की सदस्य लक्ष्मी देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जीविका से जुड़ने के बाद उन्हें पीएम-एफएमई योजना के तहत ₹3.72 लाख का आसान ऋण मिला, जिससे उन्होंने आटा चक्की और मसाला पीसने की मशीन खरीदी। इससे उनकी आजीविका सुदृढ़ हुई और परिवार में खुशहाली आई। कार्यक्रम में महिलाओं ने तकनीकी प्रशिक्षण की मुफ्त सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने की मांग की। उनका मानना है कि इससे हजारों ग्रामीण महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकेंगी।इसके अलावा महिलाओं ने शिक्षा,स्वास्थ्य, जल जमाव, वृद्धावस्था पेंशन, सोलर लाइट, सामुदायिक भवन, रोजगार और सिंचाई जैसी जमीनी समस्याओं पर भी चर्चा की और लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की मांग की ।महिला संवाद कार्यक्रम न केवल संवाद का माध्यम बन रहा है, बल्कि यह गांव-गांव में सामाजिक बदलाव और महिला सशक्तिकरण का प्रभावशाली मंच भी बन चुका है।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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