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कोशी को मिले शिक्षा का गौरव, सहरसा में बने पंडित मंडन मिश्र केंद्रीय विश्वविद्यालय : प्रवीण आनंद

सहरसा : कोशी क्षेत्र में उच्च शिक्षा की दयनीय स्थिति और पिछड़े, गरीब, ग्रामीण छात्रों के भारी पलायन को देखते हुए, कोशी विकास संघर्ष मोर्चा ने भारत सरकार से मांग की है कि सहरसा जिले में "पंडित मंडन मिश्र केंद्रीय विश्वविद्यालय" की स्थापना की जाए।संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार झा और संरक्षक एवं पूर्व जिला पार्षद प्रवीण आनंद ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को एक पत्र प्रेषित कर यह आग्रह किया है कि सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिलों को शिक्षा के नक्शे पर सम्मान दिलाने हेतु एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की जाए, जिसका नाम महान दार्शनिक और शास्त्रार्थाचार्य आचार्य पंडित मंडन मिश्र के नाम पर हो।उन्होंने कहा कि पंडित मंडन मिश्र जी की विद्वत्ता और शंकराचार्य जी के साथ उनके ऐतिहासिक शास्त्रार्थ की प्रसिद्धि कोशी और मिथिला की सांस्कृतिक पहचान का गौरव है। विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर होना, भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को सम्मान देने जैसा होगा। प्रवीण आनंद ने यह भी कहा कि कोशी क्षेत्र के हजारों छात्र आज भी उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली,पटना, कोलकाता जैसे शहरों की ओर पलायन करते हैं। यह पलायन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग,पिछड़े समाज और ग्रामीण परिवारों पर दोहरा बोझ डालता है।उन्होंने सुझाव दिया कि सहरसा स्थित "पंडित मंडन मिश्र कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर" को आधार बनाकर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए। यह न केवल प्रशासनिक दृष्टि से सहज है, बल्कि पहले से उपलब्ध संरचना के कारण इसमें शीघ्रता भी संभव है। कोशी विकास संघर्ष मोर्चा ने प्रधानमंत्री जी से अपील की है कि वे इस ऐतिहासिक मांग पर संवेदनशीलता से विचार कर कोशी को एक बड़ी शैक्षणिक सौगात दें।   

रिपोर्टर : अजय कुमार

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