राजनीतिक लाभ के लिये उतावले में निर्णय लेती है राजनीतिक पार्टियां : अनिल साहा

सहरसा : अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के संगठन प्रदेश महामंत्री सह प्रभारी पूर्णिया, कोसी एवं भागलपुर प्रमंडल अनिल कुमार साहा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आजकल न्यूज़ चैनल में अपने टीआरपी को बढ़ाने के लिए किसी भी विषय पर बहस कराते हैं न्यूज़ चैनल। यह बातें तब उजागर हुई जब देश की सबसे बड़ी न्यूज़ चैनल कंपनियां न्यूज़ 18 में एक ऐसे विषय पर बहस कराया गया जो शायद इस तरह का बहस इस विषय पर बहस नहीं होना चाहिए। कुछ चीज या कुछ बातें ऐसी होती है जो सार्वजनिक जीवन में होती है।यह सबको मालूम है या कुछ वस्तुओं का प्रयोग होता है।वह सबको मालूम लेकिन उस चीज को डिबेट का मुद्दा बनाना कहीं से भी सही प्रतीत नहीं होता है। जैसा की न्यूज़ 18 में कांग्रेस पार्टी के द्वारा मां-बहन योजना के तहत सेनेटरी पैड पर राहुल गांधी के तस्वीर पर बहस कराया गया वह काफी निंदनीय है।आजकल की राजनीतिक पार्टियों को क्या हो गया है। यह समझ में नहीं आता है।उसके जो बड़े-बड़े नेता जो अपने पार्टी  प्रचार प्रसार के माध्यम को बनाते हैं या करते हैं उनका विवेक शायद इतना निचला स्तर तक जाएगा यह सोच से बाहर है।भाई कांग्रेस पार्टी को अगर मां-बहन योजना के तहत तस्वीर ही लगाना था तो उनके लिए तो बहुत ही अच्छा शुभ अवसर था कि वह सोनिया का और प्रियंका का उस पर तस्वीर लगाते ना कि राहुल जी का। अगर कांग्रेस पार्टी सोनिया जी का और प्रियंका जी का सेनेटरी पैड पर तस्वीर लगाती तो जो मां-बहन योजना है।उस शब्द का भी पालन होता और शायद कांग्रेस पार्टी को बहुत बड़ा राजनीतिक लाभ मिलने का भी उम्मीद होता। दूसरी तरफ बिहार के मुखिया नीतीश कुमार जिस प्रकार से पुरुष और औरत के संबंध के बारे में बहस किये वह काफी शर्मनाक है जो एक रिक्शा चालक या ठेला  वाला भी ईस प्रकार की बात नहीं कर सकता, कुछ चीज ऐसी होती है जिसको सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है जो जीवन का अभिन्न अंग है अभिन्न घटना है अभिन्न कार्य है । लेकिन हमारे राजनीतिक पार्टियों को क्या हो गया है जो वह इस चीज को नहीं समझ रहे हैं।श्री साहा ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश महोदय से इस देश की महामहिम राष्ट्रपति महोदया से जो इस तरह का डिबेट राजनीतिक लाभ या विधानसभा में प्रचार होना या किसी भी कार्यक्रम का नाम रखना  कहीं से भी उचित नहीं है निंदनीय है इस पर उच्च न्यायालय को राष्ट्रपति महोदया को कार्यवाही करनी चाहिए इस पर रोक लगाना चाहिए।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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