महिलाओं को न्यायालय से सुलभ न्याय के लिए संघर्षरत अधिवक्ता संगीता सिंह

सहरसा : समाज में टूटते बिखरते संबंध एवं पति पत्नी में बढ़ रहे अलग अलग रहने की प्रवृति वर्त्तमान समय में बढ़ती ही जा रही है।जो काफी चिंताजनक है।जिसमें ज्यादातर महिलाएं को ही अधिक नुकसान उठाना पड़ता है।ऐसे में महिलाए न्याय की आशा में महिला पुजारिन एवं पेशे से अधिवक्ता संगीता सिंह की शरण में आते है।श्रीमति सिंह नें बताया कि पीड़ित मानवता की सेवा करना परम धर्म है।क्योंकि हमारे ऋषियों मुनियों एवं महर्षियों तथा शास्त्र ने भी नर सेवा को नारायण सेवा बताया है।अपनी महापुरुषों के मार्ग को अनुसरण करते हुए इसी सेवा भाव के कारण मंदिर पर पर पहुंचने वाले बेसहारा लोगों की यथासाध्य सेवा कर रही हूं।ऐसे में आने वाले साधु संत,राहगीर एवं असहाय निर्बल लोगो की सेवा में सदैव संलग्न हूं।वही महिला अधिवक्ता होने के नाते महिलाओ को न्यायालय सें सुलभ न्याय के लिए सतत संघर्षरत हूं।उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने दर्जनो महिला पुरुष एवं शादी सुदा लोगो को बातचीत एवं मेल मिलाप के माध्यम से घर बसा चुके है।वही महिलाओ को उचित न्याय व सम्मान दिलाने के लिए न्यायालय द्वारा कई अहम फैसला दिया गया है।जिसमे अब तक कई दोषी लोगो को सजा मिली है। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में पिछलें महीने महिषी से एक नाबालिक लड़की को पंजाब से बरामद कर दोषी लोगों को जेल भेजा गया। साथ ही साथ गरीब निस्सहाय प्रताड़ित लोगों को न्यायालय से न्याय दिलाने हेतु सदेव सेवा में तत्पर है।

रिपोर्टर : अजय कुमार

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.