सावन माह की अंतिम सोमवारी को बाबा भुवनेश्वर धाम मे श्रद्धालुओं ने जीवंत शिवलिंग पर किया जलाभिषेक

सहरसा : सावन के अंतिम तीसरी सोमवारी पर सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चकभlरो पंचायत स्थित ऊंचे टीले पर विराजमान बाबा भुवनेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ी।रात्रि 12 बजे के बाद मंदिर का पट खोल दिया गया था।पूजा अर्चना के लिए कांवरियों की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। श्रद्धालु पूरे दिन पूजा अर्चना करते रहे दूध, गंगाजल और बेलपत्र जीवंत शिवलिंग पर चढाकर भक्तों ने आराधना की।वही मंदिर कमेटी द्वारा श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी। पूरे दिन सोमवार को भक्तों का मंदिर परिसर में पूजा अर्चना के लिए लाइन लगी रही। मंदिर कमेटी और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए वालंटियर लगाए गए थे। वहीं खगड़िया लोकसभा सांसद के प्रतिनिधि रितेश रंजन ने मंदिर में पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर क्षेत्र में शांति और समृद्धि की मन्नत मांगी।इस मास कीअंतिम सोमवारी को लेकर रविवार को ही हजारों कांवरिया मुंगेर छर्रापट्टी के लिए रवाना हुए थे।रविवार शाम में गंगाजल लेकर मानसी से सिमरी बख्तियारपुर तक रेलवे ट्रैक किनारे पैदल बाबा भुवनेश्वर धाम पहुंचे। मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया, मधेपुरा, सुपौल आदि जगहों से श्रद्धालु यहां पहुंचकर जीवंत शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा आराधना की। महंत नारायण दास उच्च विद्यालय और विनय प्रभा उच्च विद्यालय चकभारो में कांवरिया को रुकने के लिए विशेष प्रबंध किया गया था।सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाबा भुवनेश्वर धाममें जीवंत शिवलिंग विराजमान है। पूरे सावन में लाखों की संख्या में कांवरिया मुंगेर घाट से गंगाजल लेकर पैदल यहां पहुंचकर मंदिरों में जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं।इसमें महिलाएं और बच्चे भी काफी संख्या में शामिल होते हैं।सड़क मार्ग नहीं होने के कारण कांवरिया रेलवे ट्रैक किनारे होकर यहां तक पहुंचते हैं।शिवलिंग एक ऊंचे टीले पर विराजमान है और प्रत्येक वर्ष शिवलिंग के आकार में परिवर्तन होता है। जीवंत शिवलिंग की खासियत यह है कि सच्चे मन से मांगी गई श्रद्धालुओं की हर मुराद पूरी होती है।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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