मृत माता-पिता के समक्ष बिलखती रही मासूम बेटियाँ

शहडोल - तन की भूँख और मन की प्यास कई बेबशों को कुछ भी कर गुजरने के लिए विवश कर देता है। दिन भर दिहाड़ी कमाने वाला व्यक्ति एक पूंजीपति को बड़े मुकाम पर तो पहुँचा देता है किंतु वह सर्वहारा वर्ग कभी खुद पूंजीपति नही बन पाता। ऐसा ही एक मामला कल यानि रविवार को शहडोल मुख्यालय में देखने को मिला जहाँ पाँच बेटियों को पालने के लिए दो दम्पत्तियों ने अपने जान गंवा दिए हलांकि यह चोरी सरकार की चोरी थीं तो शायद उनके मासूम बेटियों को कोई कम्पनसेशन भी न मिले और जिले में शायद ऐसे जनप्रतिनिधि भी नहीं है जो आगे आकर इन बेटियों के लिए किसी प्रकार की कोई शासकीय लाभ दिला सके।फिलहाल इस मौत का असल जिमेदार कौन है आप सभी पाठकगण जानते हैं रविवार की शाम शहडोल जिले के धनगंवा ग्राम में चुनारगढ़ी के अवैध कोयले की खदान में जो हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन इस अवैध उत्खनन के साथी कौन कौन थे और किसके ईशारे पर यह पूरा कारोबार संचालित था इसकी पड़ताल आवश्यक है। रविवार की रात दो दम्पत्ति कोयला खोदने के दौरान खदान धसने से काल के गाल में समां गये। ग्रामीणों ने बताया कि ओमकार यादव अपनी पत्नी पार्वती यादव के साथ खदान में कोयला खनन कर रहा था, इस दौरान अचानक खदान धंसक गई। जिसमें दबने से दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। मामले की पुष्टि के लिए प्रशासनिक अमला दल-बल सहित मौके पर पहुँचा हालांकि घटनास्थल पर मरने वालों की संख्या में सिर्फ दो लोगों के ही नाम सामने आए और बाँकी कितने ऐसे लोग कोयले की इन खदानों में दफन हो गए यह आज भी रहस्य है। ग्राम धनगंवा में कोयला कारोबारी एक लंबे अर्से इस क्षेत्र में अवैध तरीके से खदान संचालित करते आ रहे हैं किंतु आजतक सम्बंधित विभाग और प्रशासन इस पर अंकुश नही लगा पाया।जानकारों और मीडिया टीम के सामने ही कुछ लोगों ने बताया कि धनगवां से निकलने वाला यह अवैध कोयला दो थानों के बीच चल रहा जिसमें बुढ़ार और सोहगपुर थानों के नाम शामिल हैं। मीडिया कैमरों में इस काम के लिए बकायदे थानों में एक पेशगी जाती थी जिसका एक निश्चित दाम तय था। यह दाम किस आधार पर किसके संरक्षण में थी यह तो जांच का विषय है लेकिन इस जांच की आंच में कौन आयेंगे इस पर भी सवाल खडे हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में अवैध काम में कुछ आदिवासी वर्ग के लोगों को सामने रख आसपास के गांवों के ही प्रभुत्व वर्ग काम को बकायदे अंजाम देते थे। जिसे आसपास के दर्जनों भट्ठों में एक निश्चित दाम पर खपाया जाता था। ऐसा नही है कि इसकी जानकारी अन्य जवाबदेहियों को नही है किंतु हमेशा की तरह तकियाकलाम शब्दो को दोहराते हुए मीडिया कैमरों में बड़ी बेबाकी से झूँठ कह दिया जाता है।नबलपुर-जरवाही-धुरवार जमुई समेत धनगवां छाँटा में सैकड़ो की तादाद में लगे भट्ठे धनगवां,छाँटा,चंगेरा से निकलने वाले अवैध कोयले की सुरंगों से बड़े पैमाने में कोयला निकाला जाता है जिसके प्रमाण आसपास के गाँवो धुरवार, जुमई, नबलपुर,जरवाही में पनप रहे सैकड़ो भट्ठे हैं।जिनके पास टनों में कोयला पड़ा रहता है।इस पूरे मामले में कार्यवाही मुखर होकर पुलिस,राजस्व और खनिज अमले को करना चाहिए किन्तु विभाग के निचले स्तर के नुमाइंदे विभाग के उच्च स्तरीय लोगों के मैनेजमेंट करने का आसरा देकर इस काम को ओके कर देते हैं।
तो कहां थे जिम्मेदार
जानकारों नें बताया कि घटना स्थल क्षेत्र में लंबे अर्से से चल रहे इस कारोबार मेें स्थानीय स्तर पर कई लोगों की संलिप्तता थी। सूत्रों नें बताया कि एक तरफ जहां माइनिंग की टीम लगातार अवैध रेत व कोयले के उत्खनन पर कम अमले के साथ कार्यवाही में जुटी रहती है वहीं स्थानीय थानों का जिम्मेदार अमला महल पेशगी तक सीमित रहता है। जानकारों नें बताया कि बुढार थाना क्षेत्र के अंर्तगत संचालित इस अवैध कोयला खदान से उत्खनन की जानकारी जिम्नेदारों को थी लेकिन पेशगी के फेर में पूरा मामला दिखावे तक सीमित था, और इस तरह कि घटना सामने आ गई। अहम पहलू यह है कि इस तरह की घटनाएं सामनें आनें के बाद प्रशासनिक अमले द्वारा कार्यवाही भी की जाती है लेकिन मूल कारणों की ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जाता और घटनाओं की पुर्नावृति हो जाती है। ऐसे में सवाल अब यह है इस घटना के बाद प्रशासन कितनी सीख लेता है और इस तरह के अवैध कारोबार पर कितनी लगाम लग पाती है।
बटुरा क्षेत्र में भी हुई कार्यवाही
घटना के बाद प्रशासन एलर्ट मूड में हैं, सोमवार को सुबह से ही पुलिस की टीम बटुरा क्षेत्र पहुंची और वहां अवैध कोयला उत्खनन के क्षेत्र का निरीक्षण किया और इन गड्ढों को पाटकर समतल करनें की कार्यवाही की गई। जानकारी के मुताबिक सोमवार को इस क्षेत्र में अवैध कोयला उत्खनन के लगभग 40 गड्ढो को मशीनों से पाटकर समतल किया गया। स्थानीय स्तर पर तैनात अमले नें बताया कि लगभग 60 से ज्यादा ऐसे गड्ढे है जिनसे अवैध कोयला उत्खनन किया जा रहा था, उन्हें भी आगामी दिनों में बंद कर इस दिशा में ठोस कार्यवाही की जायेगी।
रिपोर्टर - रजनीश शर्मा
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