सात दिवसीय भागवत कथा प्रारम्भ मोगलपाडा में शुरू

साहेबगंज : जिले बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के मोगल पाड़ा गांव में सात दिवसीय मद भागवत कथा प्रारंभ हेतु रविवार को भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई। जिसका विधिवत्त शुभारंभ प्रखंड बीस सुत्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार दास, कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के अश्वनी आनंद, बरहरवा प्रेस क्लब के अध्यक्ष दीपक आनंद एवं बरहरवा के एक मात्र कथावाचक भक्ति नंद जी महाराज के द्वारा संयुक्त रूप से फिता काटकर व नारियल फोड़ कर किया गया। तदुपरांत समस्त श्रद्धालु कलश लेकर जयकारा लगाते हुए दलाही पोखरा पहुंचा, जहां मौके पर मौजूद पुरोहित गौतम पांडे के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश में जल भरकर पुनः गांव का भ्रमण करते हुए कथा स्थल पर पहुंचे। इस दौरान मौके पर मौजूद पुरोहित गौतम रजक एवं जजमान प्रदीप कुमार रजक के द्वारा सात दिवसीय श्री मद भागवत कथा प्रारंभ को लेकर पुजा अर्चना किए गए। जजमान प्रदीप रजक ने बताया कि रविवार को संध्या 6 बजे से रात्रि 11 बजे तक स्थानीय कथावाचक भक्ति नन्द जी महराज के श्रीमुख से श्रोतागण श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का लुप्त उठाएंगे। उन्होंने बताया यह कथा 1 जून से प्रारंभ होकर 7 जून तक किया जायेगा एवं कथा के उपरांत प्रसाद के वितरण भी किए जाएंगे, साथ ही 8 जून को महायज्ञ एवं भव्य भंडारे के साथ कार्यक्रम का समापन किया जाएगा । वही मौके पर मौजूद कथावाचक भक्ति नंद जी महाराज ने बताया कि आयोजन कर्ता धीरेंद्र नाथ रजक के द्वारा सात दिवसीय मद भागवत कथा का आयोजन किया गया है, उन्होंने कहा यह कथा जीवन के हर पहलू पर प्रकाश डालती है, जैसे कि कर्म, ज्ञान, भक्ति, वैराग्य, और प्रेम। यह सिखाती है कि कैसे जीवन को सार्थक बनाया जाए, कैसे भगवान की कृपा प्राप्त की जाए, और कैसे मोक्ष प्राप्त किया जाए। श्रीमद् भागवत कथा में अनेक कहानियां और दृष्टांत हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं। इन कहानियों में प्रेम, त्याग, समर्पण, और भक्ति जैसे मूल्यों को दर्शाया गया है। श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कलिकाल के समस्त पाप, ताप, और संताप से मुक्ति दिलाता है और मनुष्य को ईश्वर की निष्काम भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है।श्रीमद्भागवत पुराण लोकप्रियता की दृष्टि से सभी पुराणों में सबसे अधिक प्रसिद्ध है। वैष्णव शाखा से संबंधित इस ग्रंथ का मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है। श्रीमद्भागवत पुराण में श्रीकृष्ण को सर्वोच्च देवता अथवा ईश्वर के रूप में चित्रित किया गया है। श्रीमद्भागवत भक्तिरस तथा अध्यात्मज्ञान का समन्वय उपस्थित करता है। श्रीमद्भागवत पुराण में बारह स्कन्ध हैं, जिनमें विष्णु के अवतारों का ही वर्णन किया जायेगा। कार्यक्रम के सफल आयोजन में मुख्य रूप से संतोष रजक, कुलदीप रजक, राजेश कुमार रजक, सुकुमार रजक, उत्तम रजक, चंद्रशेखर आजाद, श्यामल रजक, लक्ष्मण रजक, सुधीर रजक, सनत रजक, विश्वजीत रजक, संजीव रजक सहित अन्य का अहम योगदान देखा गया।
रिपोर्टर : संतोष शर्मा
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