नशे के आगोश में उड़ता बरहरवा

बरहरवा :  नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अब गांजा, कोरेक्स के साथ अब स्मैक का मांग लगातार बढ़ने के साथ ही अपने पांव पसार रहा है. स्थानीय पुलिस प्रशासन लाख कोशिश करने के बावजूद भी चोरी छिपे कोरेक्स बेचे जा रहे हैं,जिसमें वर्तमान युवा पीढ़ी इसमें पडकर खुद को बर्बाद कर रहे है. नशा के सेवन करने से कम उम्र में ही उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ रहा है. ऐसा नशा उन्हें पढ़ाई से दूर कर रहा है. जिससे उनके परिवार वाले तो परेशान को ही रहे हैं, एक पूरा समाज भी खराब हो रहा है. जहां सभ्य समाज के युवा देश को आगे ले जाने के लिए अपना खून पसीना बहा रहे हैं तो वहीं यहां के युवा इन नशे में पड़कर अपना समय बर्बाद करने के साथ-साथ दूसरों को भी इसमें शामिल कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार शहर में इन दिनों कफ सिरप की बिक्री फिर एक बार जोर शोर से की जा रही है. धड़ल्ले से किया जा रहा है. शहर के चौक-चौराहों के कई चाय दुकान, पान दुकान व किराना दुकान में यह चोरी-छिपे बेचा जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के मालदा, कलियाचक, धुलियान व फरक्का के रास्ते शहर में कफ सिरप (फैंसाडील, एस्कफ, के-कोड व ऑनारेक्स) लाया जा रहा है. तो वहीं, स्मैक(ब्राउन सुगर) की बिक्री भी जोरों पर है. एक ग्राम स्मैक की कीमत करीब 1500 रुपये आती है, जिसे छोटी छोटी गुड़िया बनाकर दो सौ से तीन सौ तक में बेचा जा रहा है. स्मैक  की बिक्री शहर के झिकटिया में मुसहरी पाड़ा, चमर टोली, हाटपाड़ा में सिमलतल्ला सहित अन्य क्षेत्रों में की जाती है.ग्रामीणों में श्रीकुण्ड (गुमानी)के चाय दुकान में भी बेची जाती है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में  अभी क्षेत्र में डुप्लीकेट कफ सिरप की बिक्री स्थानीय लोगों के द्वारा किया जा रहा है.वहीं बरहरवा सब्जी मंडी सिनेमा हॉल के समीप एक गली, बरहरवा स्टेशन के टेंपो पार्किंग के पीछे , स्टेशन चौक पर मालगोदाम पानी टंकी के समीप व पतना चौक के समीप कूड़े के ढ़ेर में सैकड़ों की संख्या में फैंसाडील, एस्कफ, के-कोड व ऑनारेक्स की खाली बोतल फेंकी हुई  देखी जा रही है. यही नही बल्कि अवैध मादक पदार्थ की अवैध धंधा करने वाले माफिया ने अपना तारिक को बदल दिया है, इन सभी का सेवन करने वाले लोगो तक होम डिलवरी का सुविधा मुहैया करता है, जिससे इसका सेवन करना वाले युवा को खरीदारी करने में सोहलियत होता है,सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कुछ महिलाएं भी इस धंधे में शामिल है अधिक सेवन करने से आदमी हो सकता है पागल डॉक्टर पंकज कर्मकार के  अनुसार कफ सिरप (फैंसाडील, कोरेक्स व एस्कफ) में कोडीन फॉस्फेट मिला रहता है. इसका अधिक उपयोग करने से व्यक्ति का हाथ कांपने लगता है, पाचन क्रिया कम हो जाती है, याद्दाश्त कमजोर हो जाता है, भूख कम लगता है, सोचने समझने की शक्ति कम होने लगती है और धीरे-धीरे मनुष्य पागलपन का शिकार हो जाता है. डॉक्टर के सलाह पर ही इसे एक बार में दवा के रूप में 5 से 10 एमएल ही उपयोग करना होता है. वहीं इसके लगातार उपयोग से मनुष्य के शरीर के मस्तिष्क, हार्ट और किडनी पर बुरा असर पड़ता है.

रिपोर्टर : संतोष शर्मा

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