जेपी आंदोलन की 51 वीं वर्षगांठ पर आपातकाल की विभीषिका पर चिन्तन शिविर आयोजित

सहरसा : जयप्रकाश आंदोलन की 51वीं वर्षगांठ पर छात्र आंदोलन का केंद्र रहे विनोबा आश्रम, पूरब बाजार, सहरसा में बुधवार को जेपी सेनानियों का प्रमंडलीय सम्मेलन आयोजित किया गया। जेपी सेनानियों ने जयप्रकाश नारायण के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। जे.पी सेनानी पूर्व प्रमुख,महेंद्र प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता एवं डॉ० अरविंद कुमार झा के संचालन में आयोजित आपातकाल की विभीषिका और आगे की राह विषय पर वक्ताओं ने अपने-अपने उद्गार व्यक्त किये। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा की कांग्रेस के जन विरोधी नीति के खिलाफ देश में आंदोलन और प्रदर्शन हुआ। 25 वर्षों तक कांग्रेस की मजबूत हुकूमत रही लेकिन सत्ता के परिवर्तन की लड़ाई बिहार से ही शुरू हुई। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि सरकारी एजेंसियों का आपातकाल के दौरान दुरुपयोग किया गया और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी चोट पहुंचा। पत्रकारिता स्वतंत्र रहे इसलिए उन्होंने क्रांति दूत अखबार निकाला। देश के कई बड़े नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया। लेकिन जे पी सेनानियों का जो सपना था वह भी आज अधूरा है। कुछ लोग तो सत्ता की दलाली में लग गए, लेकिन उन दिनों भूमिगत और कम दिनों की अवधि में जेल में रहने वाले नेताओं को सम्मान नहीं मिल पाया। इस आंदोलन में शहीद होने वाले नेताओ एवं कार्यकर्ताओं को भूला दिया गया।वही सेनानी जीवित है वे फटेहाल जिन्दगी जीने को विवश है।जिसकी सुधि लेने वाला कोई नही है।इन सेनानियों को परिवार एवं बच्चे भी उलाहना दे रहे है।मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस विषय पर जरूर बात करूंगा। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक लखन ठाकुर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया और कहा की अभी भी इस उम्र में एक सामाजिक कार्यकर्ता की हैसियत से गरीबों का काम करते रहता हूं। सर्वोदय के प्रांतीय नेता तपेश्वर सिंह ने कहां की उनका घर मधुबनी जरूर है लेकिन उन्होंने अपने पचपन वर्ष सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में बिताए। उन्होंने कहा कि 1974 में विनोबा जी सहरसा आए थे और सहरसा कॉलेज में दिनकर की पंक्ति से अपना संबोधन शुरू किया था। उन्होंने कहा कि विनोबा आश्रम जेपी आंदोलन का केंद्र था।इस मौके पर कई वक्ताओं ने मांग की कि जीवित बचे सेनानियों को प्रशस्तिपत्र एवं पारिवारिक पेंशन देने की मांग की ताकि वे भी आत्म सम्मान के साथ सुकून पूर्वक शेष जीवन बीता सके।इस कार्यक्रम को पूर्व प्रमुख सियाराम सिंह, जेपी सेनानी सुरेंद्र नारायण सिंह, अनिल गुप्ता, कुलानंद यादव 'अकेला', सियाराम यादव, ब्रह्मदेव चौधरी, श्याम पोद्दार, डॉ० कल्याणी सिंह, गुनेश्वर सिंह, कृष्ण मुरारी प्रसाद, श्याम पोद्दार, बुच्ची बाबू, प्रो अशोक सिंह, हरित हीरालाल केसरी आदि ने संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन जेपी सेनानी भूपेंद्र प्रियदर्शी ने किया। सम्मेलन में प्रमंडल भर के प्रमुख जे पी सेनानी ने भाग लिया। वही हाल ही में निधन हुए जेपी सेनानी दीनानाथ सिंह को श्रद्धांजलि दी। जेपी सेनानी से संबंधित एक मांग पत्र भी जिला पदाधिकारी को समर्पित किया।इस अवसर पर डॉ कल्याणी सिंह,अनिल सिंह, ज्ञानेश्वर सिंह,ज्योति सिंह, पवन रजक सहित अन्य मौजूद रहे।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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