छात्र आशीष हत्या मामले में ग्रामीणों ने की न्यायिक जाँच की मांग,अन्यथा उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

सहरसा : विगत दिनों एक लॉज सें सिहौल निवासी मेधावी छात्र आशीष सिंह की हत्या के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा आत्महत्या करार दिए जाने सें ग्रामीणों में परिजनों में काफी आक्रोश व्याप्त है।इस संबंध में शुक्रवार को सिहौल बाबाजी कुटी पर ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई।जिसमें न्याय नही मिलने पर उग्र आंदोलन का निर्णय लिया गया।बैठक के दौरान उपस्थित ग्रामीण अखिलेश राय,प्रवीण सिंह, सतनारायण कामत, चंद्रशेखर झा, मणि भूषण सिंह,ललितेश्वर झा, विजय कुमार झा, लाल राय,बच्चा कामत एवं श्री लाल मुखिया ने बताया कि आशीष कुमार सिंह अपने परिवार का इकलौता चिराग था। जो पढ़ने में बचपन से ही काफी मेधावी था। आर्थिक स्थिति विषम होने के कारण सहरसा स्थित हटियागाछी स्थित एक लॉज मे पढ़ाई कर रहा था। लेकिन लॉज संचालक द्वारा उसकी हत्या कर उसे आत्महत्या का स्वरूप दिया गया। परिजन ने बताया कि आशीष बहुत ही मिलनसार एवं होनहार छात्र था। उसमें किसी प्रकार की कोई दोष नहीं था। परिजन ने बताया कि उसकी हत्या कर लाश को फंदे से टांग दिया गया था।जिसका पैर जमीन पर सटा हुआ था। उन्होंने कहा प्लाईवुड से बने दरवाजे को खोलकर उसे फिर से लगाया गया है। ग्रामीणों ने इस घटना मे शामिल लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा उचित न्याय नही मिलने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसके अंतर्गत सड़क जाम भी किया जाएगा।वही परिजन पर हुए मुकदमा वापस लेने की मांग की गई।कोशी संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार झा एवं संरक्षक प्रवीण आनंद भी बैठक में मौजूद होकर इसमें न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि लॉज संचालक अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बहुत ही सुनियोजित ढंग से आशीष की हत्या कर उसे आत्महत्या की बात कहीं जा रही है।जबकि मृतक आशीष के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मौजूद था।जिसे देखने के पश्चात प्रथम दृष्टया हत्या का मामला लग रहा था।लेकिन पुलिस नें लॉज संचालक को बचाने के लिए आत्महत्या की कहानी बताई गई।उन्होंने कहा कि शव मिलने के समय फिंगरप्रिंट का नहीं लिया जाना एवं बिना डाक्टरी परीक्षण की आत्महत्या की बात कहना है सरासर अन्याय है।उन्होने दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई एवं पचास लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई।
रिपोर्टर : अजय कुमार
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