डीआईजी के अनुसंधान में भी नहीं मिला बड़ी चोरी घटना का कोई सुराग,अनुसंधानकर्त्ता महिला पुलिस अधिकारी नहीं कर पा रही घटना का उद्भेदन

सहरसा : एक तरफ जिला स्मार्ट पुलिस नया-नया उद्भेदन कर रही है। इनामी, शातिर, कुख्यात बदमाशों को अपने ही जिले नहीं बल्कि दूसरे जिले भी पहुंच कर गिरफ्तारी कर रही है।वहीं दूसरी तरफ सदर थाना से महज 1 किलोमीटर के भीतर स्थित पॉस इलाका न्यू कॉलोनी, वार्ड नंबर - 8/39 में बीते दिनों हुई एक बड़ी चोरी की घटना का उद्भेदन करने में लापरवाह बनी हुई है।महिला पुलिस अधिकारी घटना की सुराग तक पाने में असफल हो रही है। वहीं डीआईजी भी अपने निरीक्षण में महिला पुलिस पदाधिकारी की कारगुजारी से वाकिफ हो चुके हैं। हालांकि अब तक न तो महिला पुलिस अधिकारी पर ही कोई कार्रवाई हुई है और न ही चोरी की घटना का ही कोई उद्भेदन ही हो पाया है। जिसके कारण पीड़िता मिंटू कुमारी अपने लगभग 8 लाख के जेवर और 10 लाख नकद को लेकर जहां मानसिक रूप से बीमार हो चुकी है। वही पति और परिवार जनों की स्वास्थ्य चिंता को लेकर दर-दर की ठोकरे भी खा रही है। लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही दिख रहा है। बीते 10 जुलाई को सदर थाना क्षेत्र के न्यू कॉलोनी, वार्ड नंबर - 8/39 में भाड़ा के मकान में किराएदार के रूप में रह रहे चंचल सिंह के बंद घर का ताला तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था। उस दौरान गृह स्वामी बीमार पत्नी के इलाज को लेकर पटना गए हुए थे। उनके घर के अंदर लॉकर और गोदरेज के ताला को तोड़कर घर में रखा लगभग 8 लाख रुपए के जेवरात और 10 लाख के नकद राशि की चोरी कर ली गई थी। जिसकी सूचना पर पीड़ित बिना पत्नी का इलाज कराए ही वापस पटना से भाग कर सहरसा पहुंचे। पुलिस पदाधिकारी से घटना के उद्भेदन के लिए गिरगिराते रहे। लेकिन अब तक उनकी घटना का उद्भेदन नहीं हुआ है। मोहल्ले में चिन्हित चोर पर लोग कर रहे शक, पुलिस नहीं कर रही है कोई कार्रवाई। पीड़िता ने बताया कि पुलिस के अलावे उन लोगों ने भी मोहल्ले में कई लोगों से पूछताछ की थी। जिसमें जानकारी मिली की मोहल्ले में चोर रह रहा है। जो उनके पूर्व भी कई घरों में चोरी की घटना को अंजाम दे चुका है। जिसकी सूचना पुलिस के अनुसंधान कर्त्ता को भी दी गई। लेकिन अब तक न तो उक्त चोर की गिरफ्तारी हुई और न ही उनके घर की ही तलाशी ली गई है। जिससे पुलिस पर पीड़ित और उसके परिजनों का विश्वास घटता जा  रहा है।

बता दें कि बीते 7 अगस्त को डीआईजी मनोज कुमार ने उक्त कांड के अनुसंधानकर्ता पुलिस अवर निरीक्षक खुशबू कुमारी को भी घटना में किए गए कार्य की जानकारी के लिए बुलवाया था। जिसकी सूचना पर पीड़िता भी मौके पर पहुंची थी। डीआईजी के सामने ही पीड़िता और एसआई खुशबू कुमारी के बीच बातचीत हुई थी। लेकिन वहां भी एसआई ने किसी भी तरह की कोई प्रगति होने की जानकारी नहीं दे पाई थी। ऐसे में उनकी लापरवाही साफ-साफ झलक रही थी।बता दें कि पीड़िता और उनके परिजन मानसिक रूप से इस कदर टूट चुके हैं कि वे 15 अगस्त के बाद कभी भी या तो धरना प्रदर्शन कर सोई हुई पुलिस पदाधिकारी को जगाने का प्रयास करेंगे या आत्मदाह कर जिले के इतिहास में एक नई घटना को दर्ज करने की भी खुल कर बोल रही थी।अब देखना लाजमी होगा कि पुलिस पदाधिकारी घटना का उद्भेदन कर पीड़िता को न्याय दिलाते है या पीड़िता धरना प्रदर्शन कर पुलिस की नाकामी को उजागर करती है।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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