राजकीय शिक्षक सम्मान पाना एक नई जिम्मेवारी का एहसास कराता है : कुमार विक्रमादित्य

सहरसा : उच्च माध्यमिक विद्यालय नरियार सहरसा के प्रधानाध्यापक कुमार विक्रमादित्य को श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के हाथों राजकीय शिक्षक सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया। मौके पर अपर मुख्य सचिव बी राजेन्दर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला, उप सचिव उर्मिला व अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। आदित्यनाथ झा और शीला देवी के पुत्र व ग्राम गढ़िया,सहरसा निवासी कुमार विक्रमादित्य ने बनारस हिंदु विश्वविद्यालय वाराणसी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया न्यू दिल्ली से शिक्षा के गुरों को सीखा। श्री नव कुमार उच्च माध्यमिक विद्यालय लगमा सहरसा से इन्होने अपनी शिक्षण कर्म की शुरुआत की। तत्पश्चात श्री दुर्गा उच्च माध्यमिक विद्यालय सिहौल में अपनी शिक्षा देने के बाद बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित प्रधानाध्यापक की परीक्षा 2022 में जिले के एक मात्र प्रधानाध्यापक के रूप में सफलता प्राप्त कर उच्च माध्यमिक विद्यालय नरियार में योगदान दिया। इन विद्यालयों में इन्होंने न केवल छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों के दिल में अपना स्थान बनाया बल्कि वहाँ के छात्र-छात्राओं को विज्ञान व कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पहुँचाने का काम किया। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, वैज्ञानिक प्रयोग, विज्ञान मेला, विज्ञान ड्रामा, विज्ञान क्विज, विज्ञान प्रदर्शनी आदि कई गतिविधियों में उनकी देखरेख में छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी पहचान बनाई है। गाँव के ऐसे बच्चों को, जिसने आजतक ट्रेन का सफर तक नहीं किया हो, उसे राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में स्थान दिलवाना उनकी सफलता को बयाँ करता है। विज्ञान व राष्ट्रीय पाठ्यचर्या से संबंधित शिक्षक प्रशिक्षण में वे कई बार राज्यस्तरीय व जिला स्तरीय प्रशिक्षक रहे हैं। इसके अलावा श्री कुमार चाइल्ड एब्यूज व चाइल्ड राइट्स से संबंधित कई सारे वर्कशॉप का एस सी ई आर टी, यूनिसेफ व बिहार शिक्षा परियोजना का मास्टर प्रशिक्षक रहे हैं। इन्होने कैरियर काउंसलिंग का भी काम किया हैं जो अखबारों में बराबर छपती रही है। श्री कुमार ने अपने विद्यालय में एक सामुदायिक पुस्तकालय खोल रखा है जिसमें उन्होंने कई पुस्तकें दान में दे रखी है जिससे बच्चों में लिखने और पढने की प्रवृति बढी है। आधुनिक समय की मांग है कि हर एक क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग करके मानवोनुकूल वातावरण तैयार किया जाए। शिक्षा में इस क्षेत्र का प्रयोग बहुत ही आवश्यक है। यह जाना माना स्वयं सिद्ध बात है कि ऑडियो वीडियो के माध्यम से दिया गया ज्ञान बच्चों के विकास में सहायक है। आज मोबाइल सभी व्यक्तियों के हाथ में है, टेलीविजन की पहुँच घर-घर तक है। अगर किसी कारणवश छात्र किसी दिन विद्यालय से अनुपस्थित है, तो उस दिन की पढ़ाई से उसे महरूम होना पड़ता है। इसलिए उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न साधनों, यथा चैट जीपीटी, जैमिनी आदि, के सहारे बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री तैयार की और उसे हमने यू-ट्यूब पर एक चैनल KV EDUWORLD बनाकर डालते रहते हैं ताकि बच्चों को विद्यालय के बाद भी जब समय मिले, उसे देखकर लाभान्वित हो सकें। विद्यालय का एक फेसबुक पेज खोल रखा है जहाँ शिक्षा से सम्बंधित तथ्यों को वे साझा करते रहते हैं। साथ ही इन्होने इनके द्वारा किए गए नवाचार से विद्यालय में नामांकन का स्तर बढ़ा है। श्री कुमार शिक्षण प्रशिक्षण के अलावे लेखन भी करते हैं । हिन्दी, मैथिली व अंगरेजी में ये लगातार लिखते रहते हैं। मास्टरबा, हर हर शूलीन, मेघलेखा, अन्हारक दीप, हमहूँ छुअब चान, धुंध, रिदम एंड रिदम जैसे कई पुस्तकों की रचना इन्होने की है । उनको यह सम्मान मिलने से शिक्षकों व सहरसा के लोगों में खुशी व्याप्त है ।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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