योग के विना जीवन अधूरा,योग हमें जीवन जीने की कला सिखाती है : आचार्य प्रभाकर

सहरसा : केन्द्रीय विद्यालय संगठन दिल्ली के निर्देश पर बेग लेस कार्यक्रम में  विभिन्न प्रकार के कल्चरल प्रोग्राम विद्यालय में कराया गया।वही स्पोर्ट्स डे के पावन अवसर पर साप्ताहिक योग शिविर में योग गुरु सेवक प्रभाकर ने बच्चों को योग के विभिन्न प्रकार के आसन और उसके लाभ के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।उन्होंने कहा योग तो एल आई सी से भी अच्छा है फीट रहने की पूरी गारंटी। योग हमें जीवन जीने की कला सिखाती है साथ हीं कहा भोजन हीं औषधि है।भोजन को चबा-चबाकर खाना चाहिए खाते समय अतिआवश्यक हो तभी पानी पीएं अन्यथा आधे घंटे के बाद पानी घूंट घूंट कर पीएं भोजन करते समय बातचीत नहीं करेंगे।आसन का अभ्यास नियमित सुबह को करें। समय आभाव में शाम को भी कर सकते हैं। भारत सरकार सोच दूर दृष्टि रखते हुए देश के सभी केंद्रीय विद्यालय में योग शिविर आयोजित किया ताकि बच्चे यहां से सीख कर अपने बड़े बुजुर्ग परिजन रिश्तेदारों को भी योग का गूर बताकर सभी को आरोग्य करेंगे।योग से शरीर स्वस्थ सुडौल बनता है बच्चों के लिए तो योग रामवान के समान ही है।

लक्ष्मीनाथ योगपीठ संस्थापक सेवक प्रभाकर द्वारा विद्यालय में योग प्रशिक्षण कार्य बराबर चलते रहता है। विद्यालय प्राचार्य श्रीमती मोनिका पाण्डेय ने योग गुरु की प्रसंशा करते हुए कहा इनके सिखाने का तरीका बहुत हीं सहज है जिसे देखकर कोई भी सीख सकता है। अनुशासन का पाठ कोई इनसे सीखे।हंसते हंसते सभी को कठिन से कठिन आसन कराते हैं हास्यासन सभी थकान दूर हो जाता है नियमित करने से रोग तो ठीक होता हीं,साथ ही बच्चे मन से अध्ययन भी करते हैं।सभी शिक्षक के सहयोग से सात दिवसीय योग शिविर सम्पन्न हुआ।

रिपोर्टर : अजय कुमार

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