आरसेटी में एमओआरडी टीम ने प्रशिक्षणार्थियों के उत्साह एवं नवाचारों को सराहा

समस्तीपुर : आरसेटी ने एक ऐतिहासिक क्षण का अनुभव किया जब भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) से उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान का दौरा एवं ऑडिट किया। इस विशेष अवसर पर मुख्य निरीक्षक अखिलेश झा, वरिष्ठ लेखा एवं ऑडिट अधिकारी उपस्थित रहे। उनके साथ वरीय एओ कुसुम पंवार, रेखा सिंह, डीडीयूजीकेवाई से अशुतोष जर्दारी, मोक्षी पंडित, राज्य निदेशक संजय कुमार, जीविका पटना से राहुल कुमार, डीपीएम, बी.के. सिंह, जॉब प्रबंधक रितेश सुमुख, बीपीएम राजेश कुमार, एवं एलडीएम प्रसिद्ध झा ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। आरसेटी निदेशक का कुशल नेतृत्व और एसडीआर टीम की सराहनीय तैयारी आरसेटी के निदेशक पी.के. सिंह के नेतृत्व में संस्थान ने उच्च मानकों का प्रदर्शन किया। निदेशक द्वारा संस्था की समग्र प्रगति, प्रशिक्षण गुणवत्ता, बैंक लिंकेज एवं स्वरोजगार के सफल मॉडल्स का सशक्त प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने टीम भावना और अनुशासन की मिसाल प्रस्तुत करते हुए निरीक्षण दल को संस्थान की प्रत्येक गतिविधि से अवगत कराया। राज्य निदेशक एवं अन्य संकाय सदस्यों द्वारा की गई व्यापक तैयारियाँ, प्रशिक्षण गुणवत्ता, प्रलेखन, अनुशासन और प्रशिक्षणार्थियों की भागीदारी सभी ने दर्शाया कि आरसेटी समस्तीपुर उत्कृष्टता की ओर निरंतर अग्रसर है। राज्य निदेशक द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेज, एमआईएस, पुस्तकें, उपस्थिति पंजिका, मूल्यांकन रिपोर्ट, केस स्टडी और पूर्व प्रशिक्षणार्थियों की सफलता कहानियाँ बड़ी ही व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत की गईं। प्रशिक्षणार्थियों से सीधा संवाद : भविष्य की योजनाओं और स्वावलंबन पर विशेष बल निरीक्षण के दौरान अखिलेश झा ने प्रशिक्षण ले रहे युवाओं से आत्मीय संवाद स्थापित किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से उनके भविष्य की योजनाओं, स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने की इच्छाओं तथा आरसेटी से जुड़ने के लाभों के बारे में जानकारी ली। इस चर्चा में न केवल आत्मनिर्भरता की बात हुई, बल्कि “कैसे एक सफल उद्यमी बनें और समाज में अपनी अलग पहचान स्थापित करें” इस पर भी विशेष मार्गदर्शन दिया। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दें, अपने नाम का एक वृक्ष अवश्य लगाएं, जिससे उनका नाम प्रकृति में अंकित हो। इसके साथ उन्होंने अपने जीवन के प्रेरणादायक अनुभव साझा किया, जिनसे प्रशिक्षणार्थियों को अपने जीवन की दिशा तय करने की ऊर्जा मिली। एमओआरडी योजनाओं, बैंक लिंकेज और दीर्घकालिक सोच पर चर्चा श्री झा ने एमओआरडी की विभिन्न योजनाओं, बैंक ऋण प्रक्रिया, विभिन्न विभागों से समन्वय एवं स्थायी स्वरोज़गार हेतु आवश्यकताओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिर्फ प्रशिक्षण लेना ही काफी नहीं, बल्कि उसे अपने जीवन में लागू कर दीर्घकालिक सफलता और सामाजिक सम्मान प्राप्त करना ही अंतिम उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि आरसेटी से जुड़े युवा देश की आत्मनिर्भरता की असली तस्वीर हैं, और यह संस्था वास्तव में "स्कील टु इंटरप्राइज" के मंत्र को साकार कर रही है। साथ ही श्री झा ने आरसेटी से प्राप्त प्रशिक्षण मिथिला पेंटिंग प्रतिभागियों के द्वारा लगाये गए प्रदर्शनी का निरीक्षण किया एवं इन सभी को आगे बढ़ने एवं सहयोग के लिए हर प्रयास का संवाद किये। मौके पर फैकल्टी श्रवण कुमार झा, बिट्टू भारती, कार्यालय सहायक शुभम सिन्हा, रूपमती कुमारी, डोमेन स्किल ट्रेनर प्रियंका कुमारी सहित सभी आरसेटी टीम सदस्य उपस्थित रहे। सभी प्रशिक्षणार्थियों ने अनुशासन, आत्मविश्वास और उत्साह के साथ संवाद में भाग लिया। यह दौरा केवल एक ऑडिट नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक और मार्गदर्शी आयोजन था, जिसमें आरसेटी ने प्रशिक्षण, अनुशासन, नवाचार, और सहभागिता के सभी आयामों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
रिपोर्टर : गौतम कुमार सिंह
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