प्रेमचंद जयंती के शुभ अवसर पर एक विशेष सेमीनार का आयोजन किया गया

समस्तीपुर : रामाश्रय बालेश्वर महाविद्यालय, दलसिंहसराय में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर संजय झा की अध्यक्षता एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह एवं जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा आंचल कमिटी के राज्य उपाध्यक्ष श्री रामसेवक राय के संयुक्त निर्देशन में प्रेमचंद जयंती के शुभ अवसर पर एक विशेष सेमीनार का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम का विषय था -' प्रेमचंद और आज का समाज'। कार्यक्रम के दौरान सर्व प्रथम कथा सम्राट प्रेमचंद के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके प्रति श्रद्धा निवेदित की गई। दीप प्रज्जवलित के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई। अतिथियों के सम्मान में हिंदी विभाग की छात्रा शबनम प्रिया सह अन्य ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के सचिव श्री राम नरेश दास ने गीत के माध्यम से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। वक्ता उमेश कुंवर(कवि जी) ने अपने संबोधन में प्रेमचंद साहित्य का वर्तमान समाज में प्रासंगिकता से अवगत कराते हुए हुए वर्तमान के ज्वलंत मुद्दों पर व्यापक रूप से प्रकाश डाला। महाविद्यालय के उर्दू विभाग के प्राध्यापक डॉ. महताब आलम खां ने प्रेमचंद के साहित्य की वर्तमान उपयोगिता पर प्रकाश डाला। जन प्रतिनिधि श्रीमती नीलम देवी, श्री विधान चंद,श्री सिकेन्द राम,छात्र अर्जुन कुमार, छात्रा शबनम प्रिया आदि में संदर्भित विषय पर व्यापक रूप से प्रस्तुति दी। आयुष कुमार, प्रगति कुमारी, श्री उपेन्द्र राम आदि ने कविता के माध्यम से वर्तमान समाज की समस्याओं को प्रेमचंद साहित्य के संदर्भ में प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया। विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील ने अपने संबोधन में कहा कि प्रेमचंद एक ऐसे साहित्यकार हैं, जिन्होंने साहित्य को समाज से जोड़ने का काम किया है। उनके साहित्य में चित्रित समाज की तमाम समस्याएं वर्तमान समाज की आंखें खोलने में पूर्णतः सक्षम हैं। उनके साहित्य के अध्ययन,मनन एवं अनुकरण से हमारे वर्तमान समाज की तमाम समस्याओं को दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. मुकेश कुमार झा ने प्रेमचंद साहित्य के संदेश को वर्तमान से जोड़ते हुए उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रोफेसर झा ने कहा कि प्रेमचंद ऐसे कालजयी साहित्यकार हैं, जिन्होंने भारतीय जन- गन- मन में नयी चेतना का संचार करते हुए समाज को नई ऊंचाई देने का सफल प्रयास किया। उनका साहित्य मानव के संपूर्ण जीवन को संस्कारित कर एक ऐसे समाज के निर्माण पर बल देता है,जो रामराज्य की सार्थकता को सिद्ध कर सके। आज जरूरत है कि हम उनके साहित्य का अध्ययन, मनन करते हुए अपना, अपने समाज एवं विकसित राष्ट्र का निर्माण करें।महारा यही सद् प्रयास प्रेमचंद की जयंती को सार्थक करेगा। धन्यवाद ज्ञापन रामसेवक राय ने किया। मौके पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. विमल कुमार, डॉ. धीरज कुमार पाण्डेय, डॉ. सोहित राम, डॉ. अपूर्व सारस्वत, डॉ. अनूप कुमार, डॉ. सुनील कुमार साह, डॉ. कुतुबुद्दीन अंसारी, डॉ . जवाहर लाल,डॉ. रितु संगवान, डॉ. शशिभूषण सिन्हा डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह आदि, समाज के साहित्य प्रेमी, शिक्षकेतर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। राष्ट्र गान की सामूहिक प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

रिपोर्टर : प्रवीण प्रकाश

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