चेहरे के पिंपल्स और पेट की सेहत का गहरा रिश्ता

चेहरे पर पिंपल्स (मुहांसों) होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हार्मोनल बदलाव, तेलीय त्वचा, बैक्टीरिया, खान-पान और तनाव शामिल हैं। लेकिन पेट और पिंपल्स के बीच भी एक कनेक्शन होता है, जो अक्सर लोग समझ नहीं पाते।
चेहरे पर पिंपल्स होने के कारण:
तेल की अधिकता (Sebum production): स्किन की ग्लैंड्स बहुत ज्यादा तेल बनाती हैं, जिससे पोर्स (छिद्र) बंद हो जाते हैं और बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं।
बैक्टीरिया: जब पोर्स बंद होते हैं, तो वहां बैक्टीरिया पनपते हैं, जो सूजन और पिंपल्स का कारण बनते हैं।
हार्मोनल बदलाव: खासकर टीनएजर्स में या मासिक चक्र के दौरान हार्मोन असंतुलन से पिंपल्स हो सकते हैं।
तनाव: तनाव से शरीर में हार्मोन असंतुलित होते हैं, जिससे पिंपल्स बढ़ सकते हैं।
खराब खान-पान: ज्यादा तैलीय, मसालेदार, या शुगर वाली चीजें खाने से पिंपल्स बढ़ सकते हैं।
पेट से कनेक्शन:
पेट की सेहत और त्वचा का सीधा रिश्ता होता है। हमारी गट (पाचन तंत्र) में बैक्टीरिया और माइक्रोबायोम का संतुलन त्वचा की सेहत को प्रभावित करता है।
डाइजेस्टिव इश्यूज: अगर पेट ठीक से खाना पचा नहीं पा रहा, गैस, कब्ज़ या इन्फ्लेमेशन हो रहा है तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। ये टॉक्सिन्स रक्त प्रवाह के जरिए त्वचा तक पहुंचकर पिंपल्स या रैशेज का कारण बन सकते हैं।
गट माइक्रोबायोम असंतुलन: पेट में खराब बैक्टीरिया बढ़ने से सूजन और हार्मोन असंतुलन हो सकता है, जो चेहरे पर पिंपल्स को बढ़ावा देता है।
खराब पोषण: यदि आहार में पर्याप्त विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर नहीं है, तो त्वचा कमजोर हो सकती है।
क्या करें?
संतुलित आहार लें: प्रोबायोटिक्स (दही, किमची, काफिर) और फाइबर युक्त भोजन पेट की सेहत सुधारते हैं।
हाइड्रेशन: खूब पानी पिएं ताकि टॉक्सिन्स बाहर निकलें।
स्किन केयर: रोजाना चेहरा साफ रखें, ऑयली स्किन के लिए सही प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें।
तनाव कम करें: योग, मेडिटेशन या व्यायाम करें।
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