पत्रकारों को मिला न्याय झूठे मामले में हुए दोष मुक्त

सीहोर : लाडकुइ के तीन पत्रकारों को प्रथम श्रेणी अपर सत्र न्यायाधीश ने वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा लगाए गए एक झूठे मामले में 10 साल बाद दोष मुक्त कर दिया है एक तरफ झूठे मामले में वरी होने पर पत्रकारों ने न्यायपालिका पर भरोसा जाताया है और खुशी जताई है तो वहीं वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में खामोशी का माहौल है,| वन मंडल सीहोर  के वन परिक्षेत्र, इछावर, लाड़कुई  वन रेंज सहित अनेक रेंज में हजारों बेस कीमती सागौन के पेड़ों  की अवैध कटाई  एवं वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा वन माफियाओं को संरक्षण दे कर हजारों हेक्टर वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत सीहोर जिले के पत्रकार चंदर सिंह बागवान नितिन मालपानी और लखन मालवीय ने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भोपाल तक की थी जिसमें भोपाल से एक जांच दल 2/2/2016.आया था और जांच दल ने पत्रकारों की मौजूदगी में जब अवैध वनो की कटाई की जांच की तो वह सच पाई गई इस पर वन विभाग के अधिकारियों ने अपने आप को बचाने के लिए अपनी नौकरी बचाने के लिए पहले पत्रकारों को पैसा देने की कोशिश की लेकिन जब पत्रकार नहीं बिके तो इन वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने इन पत्रकारों के खिलाफ षड्यंत्र पूर्वक शासकीय काम में बाधा और आड़ी बाजी मारपीट का केस ,2/2/2016को नसरुल्लागंज पुलिस थाने में 30070/2016 दर्ज कर दिया मामला न्यायालय पहुंचा न्यायालय में प्रथम श्रेणी न्याय धीस सुनीता गोयल ने ,26/8/22 को तीनों पत्रकारों को दोष मुक्त किया था जिस पर वन परिक्षेत्र लाड़कुई एवं भोपाल के वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा शासन से प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के यहां अपील की थी वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा की गाई अपील की सुनवाई 3.साल चली ओर, टोटल 10 साल तक मामला चला और भेरुंदा नसरुल्लागंज की अपर सत्र न्यायाधीश उषा तिवारी ने फैसले के समय दोनों पक्ष के वकीलों को सुना और दोनों को सुनने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचीं कि पत्रकारों पर वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने झूठा मामला दर्ज कराया था उस पर जो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुनीता गोयल द्वारा 26/ 8/20 22. को वह सही है और अपील करता द्वारा ऐसा कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया जिससे की अपील की सुनवाई हो एवं इस पर गंभीरता से विचार करते हुए मामले को झूठा मानते हुए तीनों पत्रकार चंदर सिंह नितिन मालपानी और लखन मालवीय को निर्दोष मानते हुए दोष मुक्त कर दिया इस मामले से बरी  कर दिया | एवं अपील को खारिज कर दिया गया| पत्रकारों की तरफ से एडवोकेट दुर्गा प्रसाद तिवारी ने पैरवी की और कैस को जीतने का मीडिया को जानकारी दी तो वही पत्रकार चंद्रर बागवान नितिन मालपानी और लखन मालवीय ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए इसे पत्रकारों की जीत बताया और कहा कि आने वाले समय में इस फैसले से पत्रकारों को अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जंग लड़ने में और साहस बढ़ेगा| 

रिपोर्टर : संजय कलमोर 

 

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