गीता जयंती पर ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र भैरुन्दा में आध्यात्मिक कार्यक्रम
भेरूंदा : ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र भैरुन्दा में गीता जयंती के उपलक्ष्य में एक भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत परमपिता परमात्मा की याद में दीप प्रज्जवलन से हुई केंद्र प्रभारी बी.के. माला बहिन ने गीता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता सर्वशास्त्रों में शिरोमणि है और यह जीवन को सार्थक बनाने का अद्वितीय मार्गदर्शन प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि गीता से हम जुड़कर कर्तव्यबोध जागृत कर सन्मार्ग पर चल सकते हैं। गीता को परमात्मा द्वारा दिया गया वरदान बताते हुए उन्होंने इसे ज्ञान गंगा और जीवन की दिशा देने वाला स्रोत बताया।
मुख्य अतिथि चैन सिंह दरबार ने गीता को चरित्र निर्माण का शास्त्र बताया, वहीं आर.एन. चौबे सर ने गीता के संदेश को सम्पूर्ण मानवता के लिए बताया। उन्होंने कहा कि गीता हर क्षेत्र—खेती, व्यापार, शिक्षा, खेल और सामाजिक जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करती है और इसका नियमित पाठ मन को स्थिर और जीवन को सही दिशा में लाता है।
लखन लाल सोनी जी ने कहा कि स्वधर्म में टिकना ही चरित्र निर्माण की आधारशिला है, क्योंकि स्वधर्म सुख देने वाला है। गायत्री शक्तिपीठ मंदिर के परवर्जक ने गीता को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों का अमर ग्रंथ बताया। करण सिंह सोलंकी सर ने गीता के संदेश को निराशा से आशा और दुर्बलता से शक्ति की ओर मार्गदर्शन देने वाला बताया।
कार्यक्रम में बी.के. उर्मिला बहिन ने कहा कि गीता केवल अर्जुन के लिए नहीं, बल्कि हम सभी के लिए है। जो व्यक्ति धर्म, कर्तव्य और सत्य के मार्ग पर चलता है, वह अर्जुन के समान है। बी.के. नेहा बहिन ने श्लोक स्मरण करवाते हुए बताया कि श्लोक मन को शांत कर ध्यान की अवस्था में लाता है और श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है। बी.के. सलोनी बहिन ने गीता के मूल संदेश को आत्मस्मृति में स्थित होकर परमात्मा के बनने के रूप में प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में संतोष शर्मा, महेंद्र रावत , संतोष रावत , भगवान सिंह गौर , जगदीश प्रसाद , परशुराम यादव, डॉक्टर श्रोती , ठाकुर साहब तिलाडिया वाले, रमेश चंद्र राठौर जी सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
रिपोर्टर : संजय कलमोर

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