आ गया माँ की साधना का पर्व-- शारदीय नवरात्रि 2024

चंचल रस्तोगी ----2 अक्टूबर 2024

 

आ गया माँ की साधना का पर्व-- शारदीय नवरात्रि 2024 


या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

हम भारतीय हैं और हमारे लिए हर त्यौहार महत्वपूर्ण है और होना भी चाहिए हमारा देश संस्कृति और सभ्यता का देश है यहाँ हर एक पर्व की अपनी अलग महत्ता है। हम माँ के आगमन को हमेशा से बड़ा अमूल्य मानते आये हैं तभी देश की सभी 51 शक्तिपीठ पर नवरात्र में मेला लगता है।  माँ के जयकारे लगते हैं कुल मिलाकर लोग इन दिनों भक्ति में विभोर होकर शक्ति उपासना करते हैं। और मान के प्रति भक्ति इतनी कि अमूनन हर घर में लोग पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रहते हैं कुछ लोग पूरी नौ दिन व्रत रहने  का संकल्प रखते हैं तो कुछ अपनी सामर्थ्य अनुसार शुरुआत यानि परमा यानि पहले और आखिरी दिन नवमी का ही व्रत रहकर माँ के प्रति अपनी भक्ति समर्पित करते हैं। और कई की साधना और भक्ति इतनी कि कोई एक फल के साथ तो कोई महज पानी पीकर नौ दिन का कठिन व्रत करते हैं।

Navratri Kalash Sthapana: 15 अक्टूबर से ...

और हर बर्ष की भांति इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रि  का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं। इस बार 3 अक्टूबर 2024 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जो 11 अक्तूबर को समाप्ति होगी।  शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसकी शुरुआत आश्विन माह में होती हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती हैं।जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री माता का नाम शामिल है। नवरात्रों के ये 9 दिन हिन्दू धर्म के लिए बेहद ही खास और पवित्र माने जाते हैं।  नवरात्रि के आखिरी दिन पर लोग अपने घरों मे कन्यापूजन कर नवरात्रि का पवन उत्सव मानते हैं। 

क्या हैं शुभ कलश स्थापना मुहूर्त ?
बात दे कि दिन गुरुवार 3 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का उत्सव मनाया जाएगा. इस दिन अश्विन मा​ह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी. शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ इंद्र योग और हस्त नक्षत्र में हो रहा है. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाएगी.काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट का कहना है कि अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि 2 अक्टूबर को देर रात 12:18 बजे से लेकर 4 अक्टूबर को 2:58 बजे तक है. इसके साथ ही सुबह में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6:15 बजे से शुरू है, जो सुबह 7:22 बजे तक है. सुबह में घटस्थापना का शुभ समय 1 घंटा 6 मिनट है. वहीं दोपहर में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक है।

 इसके आलवा नवरात्र के 9 दिनों मे घर की महिलाये सोलह शृंगार करती हैं, व अलग अलग रंगों के वस्त्र धारण करती हैं,यह रंग सप्ताह के दिन के आधार पर तय किया जाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार सप्ताह का प्रत्येक दिन एक ग्रह से संबंध है. इसके प्रभाव से माता का आशीर्वाद और ग्रहों का शुभ प्रभाव जीवन में देखने को मिलता है 

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