भगवान के द्वार को भी नहीं छोड़ रहे माफिया, नाले पर खोद दी खाई, हो रही काले हीरे से कमाई

केशवाही। जिले के अंतिम छोर पर इन दिनों काले हीरे के कारोबारियों का सक्रिय नेटवर्क इतना बेखौफ है वह मंदिर के द्वार को भी नहीं बख्स रहे। स्थितियां यह है कि यदि श्रद्धालु मंदिर के आसपास के क्षेत्र में यदि जाता है वह कब किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाये इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।

कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों केशवाही के मरही ‌माता मंदिर के नजदीक का है जहां मंदिर प्रांगण से महज 50 मीटर की दूरी पर काले हीरे की एक ऐसी अवैध माइंस संचालित है जिसे देखकर आप भी सकते में आ सकते हैं। इतना ही नहीं इस माइंस में दर्जनों मजदूर खुदाई के तमाम उपकरण, पानी निकासी की व्यवस्था के लिये डीजल पंप, रात में कार्य हेतु लाइट के इंतजाम है। अहम पहलू यह भी है कि इस अवैध माइंस में काम करनें वाले मजदूर महज चार सौ रुपये कि दिहाड़ी के लिये जान जोखिम में डाल इस कार्य में लगे हुये हैं और उन्हें यह भी नहीं पता है कि जिस कार्य को वह मजदूरी समझ कर रहे हैं वह ऐसा अपराध है जिसमें उन्हें दण्ड भी दिया जा सकता है। 

वाकिंग डिस्टेंश पर थाना, लेकिन अनभिज्ञ है प्रभारी

मजे की बात यह भी है जिस स्थान पर काले हीरे के इस कारोबार का इतना बड़ा नेटवर्क संचालित है वह स्थान थानें से वाकिंग डिस्टेंश पर है। यदि स्थानीय थानें का अमला टहलते टहलते भी जाये तो मौके तक पहुंच कर पूरा नजारा देख सकता है। लेकिन स्थानीय स्तर पर काम करनें वाले यहां का कारोबारी इतना रशूखदार है कि प्रभारी यहां गौर फरमानें की हिमाकत नहीं कर पा रहे। 

जल स्रोत भी कर दिया खत्म,जानिये कौन है सूत्रधार

अपनी कमाई के लिये ये कारोबारी इतनें बेखौफ है कि इन्हें नियम कायदे व कानून का कोई भय नहीं है। मौके पर यदि जिम्मेदार मुआयना करें तो उनके सामनें इस काले कारोबार की वह तस्वीर सामने आयेगी जिसे देखकर चकित हो सकते हैं। मौके पर इन कारोबारियों नें अपनें अवैध सुरंग के लिये जिंदा नाले को पाट दिया, पानी के धार को रोककर सुरंग बना दिया, जहा, मजदूरों का‌ समूह रोजाना लाखों के कोयले कि निकासी कर रहा है। जानकारों नें बताया कि इस अवैध ठीहे का संचालक प्रेमप्रकाश उर्फ बाबू महराज है, जिसके ईशारे पर यहां इस कारोबार का संचालन जारी है।

पूर्व में भी हो चुकी है मौत, क्या बड़ी घटना का ‌है इंतजार

अहम यह है कि जिस स्थान इस अवैध काले हीरे का संचालन जारी है, उसी स्थान पर गत वर्ष इसी तरह के काले कारोबार में कार्य के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई थी। इस मामले में जब जांच की जद में आये उक्त बाबू महराज नामक व्यक्ति को सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा था। ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या जिम्मेदार एक बार फिर किसी बड़ी घटना के इंतजार में हैं।

रिपोर्टर- रजनीश शर्मा

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