शुजालपुर में गूंजा भगवान परशुराम का जयघोष – संगठन, संस्कृति और संकल्प का अभूतपूर्व संगम

शाजापुर : शुजालपुर नगर में बुधवार को भगवान परशुराम जन्मोत्सव के अवसर भव्य आयोजन में धर्म, समाज और राष्ट्रभक्ति की त्रिवेणी में सराबोर हो गया। ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित  शोभायात्रा ने न केवल सांस्कृतिक चेतना को जाग्रत किया, बल्कि संगठन की शक्ति और राष्ट्रीय एकता का प्रेरणादायक संदेश भी दिया। श्री रामचंद्र चौबे स्मृति शिक्षा निकेतन से प्रारंभ हुई शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई पुनः विद्यालय परिसर में सम्पन्न हुई। शोभायात्रा का नेतृत्व घोड़े पर सवार भगवान परशुराम के स्वरूप में पं. आलोक उपाध्याय ने किया, जो नगरवासियों के आकर्षण का केंद्र रहे। उनके साथ चल रहे पं. प्रवीण जोशी ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर देशभक्ति और संस्कृति का संगम प्रस्तुत किया। नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा और शीतल जल सेवा कर श्रद्धा व सेवा का परिचय दिया, जो भारतीय समाज की अतिथि सत्कार और परंपरागत सद्भावना का जीवंत उदाहरण था। विद्यालय परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार और आरती के साथ आध्यात्मिक वातावरण बना। इसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने धर्म, शिक्षा और समाज के प्रति चेतना का संचार किया। मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने संबोधन में कहा, “जब ब्राह्मणों ने शास्त्र और क्षत्रियों ने शस्त्र छोड़ दिए, तब समाज में असंतुलन उत्पन्न हुआ। आज समय की पुकार है कि हम धर्म, संगठन और शिक्षा के मार्ग पर संगठित रूप से आगे बढ़ें।” उन्होंने सप्तऋषि भवन में भोजनशाला निर्माण हेतु टीन शेड के लिए विधायक निधि से स्वीकृति देने की घोषणा की। समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सी. वी. मिश्रा को उनके सामाजिक योगदान के लिए “ब्राह्मण गौरव रत्न” से सम्मानित किया गया। सम्मान-पत्र का वाचन डॉ. राजेश तिवारी द्वारा किया गया। डॉ. मिश्रा ने युवाओं से अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने और सामाजिक एकता को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रवि पांडे, पूर्व समाज अध्यक्ष मोहनलाल शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ पुरुषोत्तम शास्त्री,समाज अध्यक्ष जनक जोशी, परशुराम सेना जिला अध्यक्ष  रामानुज समाधिया, मंचासीन रहे। सभी ने भगवान परशुराम के जीवन मूल्यों को आत्मसात करने, शिक्षा को समाज का आधार बनाने और युवाओं को संगठन से जोड़ने पर बल दिया। पूर्व पार्षद प्रवीण जोशी ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन की भावना को प्रकट किया। उन्होंने कहा, “यह पर्व न केवल धार्मिक का आस्था है, बल्कि यह ब्राह्मण समाज की चेतना, गौरव और संगठन की मिसाल है।”कार्यक्रम का संचालन  सुनील शर्मा और श्रीमती प्रीति मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया, जबकि शिक्षक श्री प्रदीप व्यास ने अंत में सभी का आभार प्रकट किया। पं.शेष नारायण व्यास, पं. देवेंद्र तिवारी एवं परशुराम सेना प्रांतीय मुख्य प्रबंधन समिति अध्यक्ष ओम पांचाली ने इसे सामाजिक आत्मबल का प्रतीक बताया। यह आयोजन एक प्रेरणादायक संदेश – “धर्म, ज्ञान और संगठन – यही है समाज की सच्ची शक्ति" के साथ सम्पन्न हुआ। उक्त आयोजन में सेकड़ो की संख्या में  समाजजन मातृशक्ति उपस्थित रही।

संवाददाता : रमेश राजपूत

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