एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय गोष्ठी कार्यक्रम का हुआ आयोजन

सिद्धार्थनगर : शोहरतगढ़ ब्लॉक परिसर में कृषि विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार योजनान्तर्गत एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप कृषि निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि वर्तमान युग में जहां फास्ट फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की बाढ़ आई हुई है, वहीं हमारी पारंपरिक भारतीय खाद्य संस्कृति में छिपे पोषक तत्वों की ओर वापस लौटने की आवश्यकता तेजी से महसूस की जा रही है। इस संदर्भ में, मोटे अनाज विशेषकर मिलेट्स एक वरदान के रूप में उभर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ घोषित किया जाना इस बात का प्रमाण है कि हमारी सदियों पुरानी खाद्य संपदा आज पुनः विश्व के खाद्य मानचित्र पर अपना महत्वपूर्ण स्थान बना रही है।मिलेट्स, जिसे हिंदी में मोटा अनाज भी कहा जाता है, एक प्रकार का अनाज है जो छोटे दानों वाली घास की फसल से प्राप्त होता है। ये अनाज, गेहूं और चावल जैसे पारंपरिक अनाजों की तुलना में अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। साथ ही कहा किसानों को इसकी पैदावार करनी चाहिए ताकि वे अपनी आय भी दुगुनी कर सकें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे खंड विकास अधिकारी
सुरेश कुमार मौर्य ने कहा कि मिलेट्स, या मोटे अनाज, कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे प्रदान करते हैं। ये पाचन में सुधार करते हैं, वजन घटाने में मदद करते हैं। हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, मिलेट्स में फाइबर, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इस दौरान प्रगतिशील कृषक कृष्णपाल चौधरी, नंदकिशोर चौधरी, रमेश बहादुर आदि मौजूद रहे।
रिपोर्टर : सुशील कुमार खेतान
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