नफ़रत नहीं, भाईचारे से ही मजबूत होगा भारत — विचार गोष्ठी में गूँजा संदेश
सिद्धार्थनगर : के बढ़नी विकासखंड के अंतर्गत दुधवनिया बुजुर्ग गांव में शनिवार को 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में बहादुर शाह ज़फ़र का योगदान” विषय पर आधारित विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता फरेंदा विधायक वीरेन्द्र चौधरी ने की। गोष्ठी की शुरुआत प्रतिष्ठित इतिहासकार प्रो. राम पुनियानी, विचारक प्रो. रविकान्त, सोशल एक्टिविस्ट शकीला शाहीन, बहादुर शाह ज़फ़र की पड़पौत्र पुत्रवधू बेगम समीना एवं बदरे आलम द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के नायकों—सरदार भगत सिंह, बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और बहादुर शाह ज़फ़र—के चित्रों पर माल्यार्पण करके की गई। इतिहास को तोड़-मरोड़कर नहीं, सही रूप में समझने की आवश्यकता— प्रो. राम पुनियानी मुख्य वक्ता एवं प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. राम पुनियानी ने मुगल बादशाहों की कुर्बानियों को याद करते हुए कहा कि इतिहास को तथ्यों के साथ सामने लाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश आपसी भाईचारे, समानता और सभी धर्मों के सम्मान से ही आगे बढ़ सकता है। आज भावनात्मक मुद्दों के सहारे नफ़रत फैलाने की कोशिश हो रही है, जो समाज के लिए बेहद घातक है। संविधान के मूल्यों को अपनाना और धर्म की नैतिकता पर आधारित राजनीति का समर्थन करना समय की मांग है। उन्होंने आगे कहा कि समाज को नफ़रत का बीज परोसने के बजाय पुनर्निर्माण और बराबरी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।देश नफ़रत से नहीं, भाईचारे से आगे बढ़ेगा”— प्रो. रविकान्त
विचारक प्रो. रविकान्त ने कहा कि वर्तमान समय में जनता को ग़लत दिशा में ले जाने की कोशिशें हो रही हैं। पूर्वजों के संघर्ष और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है, जिससे देश का भविष्य कमजोर हो सकता है। उन्होंने कहा,
जिस भारत का सपना बाबा साहब अम्बेडकर ने देखा था, वह तभी साकार होगा जब देश आपसी भाईचारे, सद्भाव और समानता की राह पर चलेगा। नफ़रत नहीं, एकता ही देश को मजबूत बनाती है। गंगा–जमुनी तहज़ीब ही देश को विकास की राह दिखाती है— बेगम समीना बहादुर शाह ज़फ़र की पड़पौत्र पुत्रवधू बेगम समीना ने कहा कि देश की असल ताकत उसकी साझा संस्कृति और गंगा–जमुनी तहज़ीब में है। जातिवाद और संकीर्ण विचारधारा समाज को कमजोर बनाते हैं। उन्होंने कहा कि
“बहादुर शाह ज़फ़र ने देश की आज़ादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था, उनकी कुर्बानी को देश कभी भुला नहीं सकता। लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि शिक्षित समाज ही मजबूत समाज बनाता है। अन्य वक्ताओं ने भी रखे अपने विचार कार्यक्रम को सोशल एक्टिविस्ट शकीला शाहीन, विधायक सैय्यदा खातून, पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद, पूर्व सांसद चंद्रशेखर त्रिपाठी, सुरेंद्र चौधरी, काज़ी सुहेल अहमद, जगदीश पांडेय सहित कई गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि नफ़रत और विभाजनकारी राजनीति से देश कमजोर होता है, जबकि एकता और मेल–मिलाप से राष्ट्र विकास की राह पर आगे बढ़ता है। कार्यक्रम का संचालन सुधीर कुमार ने किया।उपस्थिति इस अवसर पर आयोजक स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अब्दुल कय्यूम रहमानी फाउंडेशन के अध्यक्ष बदरे आलम, डॉ. सरफराज अंसारी, दयासागर पाठक, अकील अहमद, यशोदा श्रीवास्तव, डॉ. जावेद कमाल, हाफिज सनाउल्लाह, सजाउद्दीन, खलकुल्लाह, शिवप्रसाद वर्मा, हरिराम यादव, राममिलन भारती, शिवचंद भारती, दीपक यदुवंशी, जहीर आलम, हैदर आलम, अल्ताफ हुसैन, अनिरुद्ध पाठक, ग़ालिब बिसेन, राजेंद्र भारती, सागर पाठक, निसार अहमद बागी, देवेंद्र गुड्डू, इफ्तिखार अहमद, मोहम्मद असलम, ओबेदुल्ला, कमरुद्दीन, कुंवर आसिफ समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर : सुशील कुमार
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