शोहरतगढ़ में विशाल हिन्दू सम्मेलन सम्पन्न, हिन्दू-हिन्दू भाई-भाई’ के नारे के साथ एकता और समरसता पर जोर
सिद्धार्थनगर : बुधवार को शोहरतगढ़ कस्बे के भारत माता चौक पर हिन्दू सम्मेलन समिति की ओर से एक विशाल हिन्दू सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग प्रचारक अजीत जी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, सामाजिक कार्यकर्ता एवं गणमान्य नागरिक शामिल हुए। मुख्य वक्ता अजीत जी ने अपने संबोधन में जाति-पांति की करो विदाई, हिन्दू-हिन्दू भाई-भाई का नारा देते हुए हिन्दू समाज में एकता और समरसता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह प्रेरणा देता है कि हिन्दू समाज छोटे-बड़े के भेदभाव को मिटाकर सभी को साथ लेकर चले। जब समाज एकजुट होता है, तभी वह आगे बढ़ता है और देश की प्रगति में सार्थक योगदान देता है। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म की विशेषता यह है कि वह पूरी वसुधा को एक परिवार मानता है, जो एकता और प्रेम का संदेश देता है। हमारी सभी जातियां तभी सुरक्षित हैं, जब हिन्दू समाज सुरक्षित है।
उन्होंने सहभोज के स्थान पर ‘सहज भोज’ की अवधारणा पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने भारत माता के यशगान पर जोर देते हुए कहा कि इसी धरती माता ने हमें संस्कार दिए हैं और हमें अपने देश व संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ राष्ट्रीय स्वयंसेवक राम मिलन त्रिपाठी ने कहा कि भारत भूमि पर जन्म लेने के लिए स्वयं भगवान भी लालायित रहते हैं, इसलिए भारत को देवभूमि कहा जाता है। यह भगवान राम और भगवान कृष्ण जैसे महान अवतारों की जन्मभूमि है। उन्होंने कहा कि यदि हिन्दू समाज जागरूक और संगठित होता, तो भारत माता के टुकड़े-टुकड़े न होते। भारत विभाजन के समय कुछ नेताओं की सत्ता-लालसा और राजनीतिक स्वार्थ के कारण देश का विभाजन हुआ। उन्होंने समाज को सजग और सक्रिय रहने का आह्वान किया। पंडित राजेंद्र पाण्डेय ने सनातन धर्म और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों ही भारतीय संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। वहीं राष्ट्रीय बालिका शिक्षा समिति की सह प्रांत प्रमुख कविता तिवारी ने कहा कि बालक की पहली गुरु माता होती है। बच्चों के संस्कार, चरित्र निर्माण और राष्ट्र के प्रति सोच को दिशा देने में माताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, व्यवसाय और सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को मजबूती प्रदान करती है। कार्यक्रम की शुरुआत लोक गायक अमर मणि दूबे एवं राजन पाण्डेय द्वारा गणेश वंदना से की गई। इसके उपरांत मुख्य वक्ताओं ने भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्चन कर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया। मंचासीन अतिथियों को बैज लगाकर एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। लोक गायक अमर मणि दूबे एवं राजन पाण्डेय ने संयुक्त रूप से देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। जिस हिन्दू का खून न खौले, खून नहीं वह पानी है हिन्दी, हिन्दू, हिंदुस्तान अयोध्या में मंदिर बनवाने वाले आ गए जो राम को लाए हैं सहित अनेक गीतों पर श्रोताओं ने तालियों से उत्साह बढ़ाया। मंचासीन पदाधिकारियों का परिचय नगर कार्यवाह अखिलेश ने कराया, जबकि मंच संचालन ऋषि वर्मा ने किया। इस अवसर पर संघ के जिला प्रचारक विशाल जी, हिन्दू परिषद के प्रदेश महामंत्री एवं कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, चेयरमैन उमा अग्रवाल के परिजन पुष्पा देवी, पूर्व चेयरमैन बबिता कसौधन, बाबा राम उजागर तिवारी, आनंद कसौधन, विक्रम दिवाकर सिंह, सुरेंद्र पाल, रिक्की अग्रहरी, दुर्गा प्रसाद तिवारी, रामकुमार तिवारी, धर्मेंद्र अग्रहरी, सौरभ गुप्ता, शिव प्रसाद वर्मा (पूर्व चेयरमैन), घनश्याम गुप्ता, बबलू गौड़, वीरेंद्र गौड़, श्यामू जी, पंकज श्रीवास्तव, सुजीत अग्रहरि, राजकुमार मोदनवाल, राजू बाबा, नंदलाल वर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
रिपोर्टर : सुशील कुमार

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