इटवा ग्राम पंचायत के दो प्रोजेक्ट में 2.90304 लाख का खेल, 12 दिन में 1152 फर्जी मजदूर! एक ही फोटो से दो योजनाओं में हाजिरी चढ़ाई गई जिम्मेदार अधिकारी कटघरे में

सिद्धार्थनगर : जिले के खुनियाव ब्लॉक में मनरेगा योजना के तहत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत इटवा में एग्रो रोड निर्माण कार्य से जुड़ी दो परियोजनाओं में कुल लगभग ₹2,90,304 का गोलमाल सामने आया है। हैरान करने वाली बात यह है कि केवल 12 दिनों में 1152 मजदूरों की फर्जी हाजिरी चढ़ाई गई और दो अलग-अलग परियोजनाओं के मास्टर रोल में एक ही मजदूर का फोटो लगाकर नाम बदल-बदलकर उपस्थिति दर्ज की गई। दो परियोजनाएँ – एक ही फोटो – 1152 मजदूरों की हाजिरी एक झटके में तैयार! विवादित मनरेगा कार्य —कार्य कोड:- (1) 3151001015/LD/958486255824912292, कार्य का नाम: JP इटवा वन में गौरी के खेत से साहराम के खेत तक एग्रो रोड निर्माण मास्टर रोल नंबर: 6447 से 6471, ( 2) कार्य कोड 3151001015/LD/958486255824912264, तक जांच के दौरान पाया गया कि दर्जनों मजदूरों के नाम अलग-अलग लिखे गए, लेकिन फोटो एक ही व्यक्ति का लगाया गया। यह साफ है कि नाम बदलकर हाजिरी बढ़ाई गई और कागजी तौर पर मजदूरों की उपस्थिति दर्शाकर भुगतान निकालने की तैयारी की जा रही थी। सूत्रों का कहना है कि मौके पर एक भी मजदूर नहीं मिला, और न ही सड़क निर्माण कार्य का कोई ठोस परिणाम दिखाई दिया। इससे पूरे मामले पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। BDO से लेकर तकनीकी सहायकों तक की भूमिका संदिग्ध स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी ब्लॉक स्तर की मिलीभगत के बिना संभव नहीं।कार्यस्थल की मॉनिटरिंग नहीं की गई फर्जी मास्टर रोलों को बिना जांच प्रमाणित कर दिया गया एक ही फोटो का अलग परियोजना में उपयोग होने के बावजूद किसी अधिकारी ने आपत्ति नहीं जताई इन सबके कारण खंड विकास अधिकारी (BDO) और संबंधित तकनीकी कर्मचारियों की भूमिका गंभीर रूप से संदेह के घेरे में आ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा घोटाला “ऊंचे स्तर की सेटिंग” का नतीजा है। मौके की सच्चाई — 5% भी कार्य नहीं, सिर्फ कागजों में विकास!ग्रामीणों के अनुसार एग्रो रोड निर्माण कार्य की जमीन पर 5% भी कार्य नहीं दिख रहा, जबकि कागजों में प्रोजेक्ट को ‘प्रगति पर’ बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यहां कई दिनों से कोई मजदूर नहीं आया पूरी हाजिरी कागजों में भरकर फर्जी भुगतान निकालने की योजना बनाई जा रही है ग्रामीणों में भारी आक्रोश — उच्चस्तरीय जांच और भुगतान रोकने की मांग फर्जीवाड़े से नाराज़ ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जांच कराई जाए

फर्जी मास्टर रोल तैयार करने वाले दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो सभी भुगतान को तत्काल रोककर मौके पर वास्तविकता की जांच की जाए ग्रामीणों का मानना है कि यदि जांच निष्पक्ष हुई तो घोटाले का आकार कई गुना बड़ा निकल सकता है। मनरेगा में फर्जीवाड़ा—गरीबों के हक की लूट मनरेगा जैसी गरीबों को रोजगार देने वाली सबसे बड़ी योजना में इस प्रकार का फर्जीवाड़ा न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि यह मजदूरों के अधिकारों का खुला शोषण है। खुनियाव ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी अब इस पूरे मामले में जवाबदेही से बच नहीं सकते, ( खंड विकास अधिकारी से मोबाइल पर वार्ता हुआ जांच करवा कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और ग्राम पंचायत अधिकारी से मोबाइल से वार्ता हुआ उनके द्वारा बताया गया  चेक करवाएंगे


रिपोर्टर : सुशील कुमार

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