आकांक्षी जिला कार्यक्रम की नोडल अधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई आयोजित
सिंगरौली : नोडल अधिकारी नीति आयोग श्री आकाश त्रिपाठी के अध्यक्षता में आकांक्षी जिला एवं ब्लाक कार्यक्रम की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री गौरव बैनल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगदीश गोमे के उपस्थिति में आयोजित हुई। नोडल अधिकारी द्वारा नीति आयोग द्वारा निर्धारित पैरामीटर स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, कौशल विकास एवं वित्तिय समावेशन को अवगत कराते हुयें कहा कि यह कार्यक्रम शासन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पिछड़े जिले एवं ब्लाको को आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर सुधार कर विकाशित जिलो की श्रेणी मे लाना है।
नोडल अधिकारी ने स्वास्थ्य आधारभूत संरचनाओ की समीक्षा करते हुयें निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय अंतर्गत एसएनसीयू एवं सभी एनआरसी सेटरों की क्षमा बढ़ाने हेतु बेड की संख्या बढ़ायें। इसी के साथ जिला चिकित्सालय में एक अतिरिक्त सोनोग्राफी मशीन की भी व्यवस्था की जाये।गर्भवती महिलाओ का शत प्रतिशत एएनसी पंजीयन कर नियमिति रूप से उनकी स्वास्थ्य जॉच एवं टीकाकरण किया जाना सुनिश्चित करे। हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर उनके प्रकरणो नियमित फालोअप ले तथा उनकी संस्थागत प्रसव किया जाना सुनिश्चित करे। उन्होने कहा कि जिन क्षेत्रो में आशा एवं एएनएम की जगह रिक्त है उनकी पूर्ति करे। उन्होने कहा कि जिले में आईसीडीएस योजना अंतर्गत दिए जाने वाले पोषण आहार का वितरण असंतुष्टि जनक है। इसके संबंध में उन्होने निर्देश दिए कि आजीविका समूहो के माध्यम से जिले में ही पोषण आहार का निर्माण कर पोषण पूर्ति हेतु दिए जाने वाले टीएचआर का वितरण सुनिश्चित कराये। निर्माण किए जाने वाले पोषण आहार एवं आगनवाड़ियों में दिए जाने वाले थर्डमील में श्रीअन्न को शामिल करते हुये क्षेत्रिय व्यजनो का उपयोग किया जायें। उन्होने कहा कि जिले का लिंगानुपात को और बेहतर बनाने हेतु प्रयास किया जाये। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी प्रकार का लिंग निर्धारण कर लिंग भेद न किया जाये इस पर सतत निगरानी रखे।
नोडल अधिकारी श्री त्रिपाठी ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ने ने की आवश्यकता है। शिविर का आयोजन कर सभी क्षेत्रों में खास कर चितरंगी एवं देवसर क्षेत्रों में माता एवं बेटियों का ई केवाईसी शत प्रतिशत किया सुनिश्चित करें। संस्थागत प्रसव एवं नवजात शिशुओं को स्तनपान करने हेतु जागरूकता अभियान चलाएं। महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की सेक्टर एवं ब्लॉक लेवल पर संयुक्त रूप से नियमित बैठक आयोजित करें । इन बैठकों की सीएमएचओ एवं डीपीओ स्वयं समीक्षा करें। गंभीर तीव्र कुपोषित और मध्यम तीव्र कुपोषित बच्चों को आंगनवाड़ी में दिए जाने वाला थर्ड मील टिफिन के माध्यम से उनके घर पर पहुंचाया जाए। इस भोजन पर श्रीअन्न का उपयोग करते हुये स्थानीय व्याजन बनाया जायें तथा यह डायटिशियन के सलाह पर आधारित हो। साथ ही इन बच्चों का ब्लॉक लेवल एवं सेक्टर लेवल पर स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से नियमित जॉच किया जाए और इसकी त्रिमासिक समीक्षा की जाए।उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन हेतु जिले में शिविर के माध्यम से टीबी रोकथाम हेतु स्वास्थ्य जांच किया जाकर जागरुक किया जाए। पीड़ितों को नियमित उपचार के साथ साथ पोषण पैकेज भी उपलब्ध कराया जाये।
शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से जिले के महिला साक्षरता स्तर को बढ़ाया जाए। शासकीय विद्यालय के छात्रों में संज्ञानात्मक, सामाजिक और शारीरिक क्षमताओं को पूरा करे, जिससे शिक्षा में अधिक वैज्ञानिक और समग्र दृष्टिकोण आ सके। इसके सम्बंध में शिक्षकों के प्रशिक्षण दिया जाये। उन्होने कहा कि संकुल केन्द्रों में चयनित कर क्रमशः मॉडल विद्यालय का भी स्वरूप दिया जायें जिसमें मॉडल विद्यालय से संबंधित सभी पहलुओ का समावेश रहे। उन्होने कहा कि आंगनवाड़ी जो किराए के भवनो में संचालित है उन्हें सर्व शिक्षा अभियान के विद्यालयो के रिक्त कक्षो में आयोजित कर व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जाना सुनिश्चित करें। तथा स्कूलों ,आंगनवाड़ियों एवं हॉस्टलों में नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना भी सुनिश्चित किया जायें।
नोडल अधिकारी श्री त्रिपाठी ने बुनियादी संरचनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सौभग्य योजन अंतर्गत सभी दूरस्थ क्षेत्रों का विद्युतीकरण किया जाना सुनिश्चित करें। प्रधान मंत्री सड़क योजना एवं प्रधान मंत्री आवास योजना अंतर्गत लक्ष्यों की पूर्ति किया जाये। तथा कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा देने के साथ साथ तिलहन एवं दलहन के उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता है। कृषकों को वर्मी कंपोजिट खाद के माध्यम से प्रकृति खेती किए जाने हेतु प्रेरित करें। वर्मी कंपोजिट खाद का उत्पादन स्व सहायता समूह के माध्यम से तैयार कराया जाकर कृषकों को खाद उपलब्ध कराए। उन्होंने ने निर्देश दिए कि नकली खाद,कीटनाशक ,खरपतवारनाशक एवं बीजों की बिक्री पर सतत निगरानी रखें। साथ ही सभी एसडीएम कृषि विभाग की संयुक्त दल का निर्धारण कर अपने क्षेत्रों का निरीक्षण भी करे। चावल सघनीकरण प्रणाली का वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए एवं इसके इस्तेमाल हेतु किसानों को प्रेरित एवं प्रशिक्षित किया जाए।
नोडल अधिकारी ने वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि औद्योगिक कम्पनियों की आवश्यकता अनुसार आवश्यक कौशल में युवाओ को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। ताकि उन्हे रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होने कहा कि पंचायतो के साथ समन्वय कर पीएम विश्वकर्मा योजना हेतु परम्परागत कारीगरो को चिन्हित कर लाभान्वित करे। तथा स्वा सहायता समूह द्वारा किए जा रहे उत्पादो के लिए लघु वन उपज जैसी आदि संस्थाओ के माध्यम से बाजार उपलंब्ध कराये। बैठक के अंत में उन्होने कहा कि नीति आयोग के निर्धारित पैरामीटरो के तहत कार्य कर निर्धारित समय पर लक्ष्यपूर्ति करे। बैठक के दौरान जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी अरविंद डामोर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पुष्पराज सिंह, महिला बाल विकास अधिकारी जीतेन्द्र गुप्ता, उप संचालक कृषि मनोज सिंह, उप संचालक उद्यानिकी एच.एल निमोरिया, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अखिलेश इवने, जिला शिक्षा अधिकारी एसबी सिंह, डीपीसी आर.एल शुक्लासहित जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्टर : मिथिलेश कुमार यादव

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