बीएससी परीक्षा में फर्जीवाड़ा, कार्रवाई ठण्डे बस्ते में

सिंगरौली - भोजमुक्त विश्वविद्यालय 2025-26 की परीक्षा जुलाई महीने में शासकीय कन्या महाविद्यालय सिंगरौली में आयोजित हुई थी। जहां इस परीक्षा में फर्जीवाड़ा किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जांच के बावजूद दो महीने बाद भी संबंधित जनों के विरूद्ध कार्रवाई न होने पर अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य भी सवालों में घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल शासकीय कन्या महाविद्यालय सिंगरौली में 24 जुलाई को भोजमुक्त स्नातक की परीक्षा आरंभ थी। इसी दिन बीएससी तृतीय एवं अन्य कक्षाओं की परीक्षाएं चल रही थी। बीएससी तृतीय में वीक्षक क्रमांक 1 ने छात्रों की संख्या 12 बताया था, लेकिन परीक्षा में शामिल परिक्षार्थियों की संख्या 10 बताई गई। जहां सीसीटीव्ही कैमरे एवं केन्द्राध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान सही पाया गया। लेकिन वीक्षक क्रमांक 2 ने उपस्थित परिक्षार्थियों की संख्या 11 बताया था। यहीं से केन्द्राध्यक्ष को वीक्षक क्रमांक 2 के हावभाव एवं कार्य के प्रति शक हुआ, केन्द्राध्यक्ष ने तीन सदस्यीय टीम गठित किया। टीम में डॉ. उपेन्द्र कुमार मिश्रा संयोजक, डॉ. जितेन्द्र कुमार एवं सुहासिनी श्रीवास्तव सदस्य के रूप में रखे गये। उक्त टीम ने जांच किया, जहां चौकाने वाले मामले सामने आये। सूत्र बता रहे हैं कि जांच टीम ने पाया कि परीक्षा संबंधि कार्यो वीक्षको एवं परीक्षा अधीक्षक ने केन्द्राध्यक्ष से छुपाकर एक परीक्षार्थी को लाभ पहुुंचाने के लिए कारनामा किया। जांच टीम ने परीक्षा के दौरान सीसीटीव्ही कैमरे को खंगाला, जहां वीक्षक क्रमांक 1 परीक्षा कक्ष से दूर कुर्सी पर बैठे पाये गये एवं वीक्षक क्रमांक 2 निरंतर ड्यूटी का संपादन नही किया और परीक्षा कक्ष में अंदर-बाहर बार-बार करते पाये गये। साथ ही परीक्षा अधीक्षक डॉ. असलेन्द्र जायसवाल ने तत्काल कापियां लिफाफे में पैक करने का प्रयास किया, परंतु परीक्षार्थी 10 थे और कापियां 11 पैक की गई। जहां स्नातक बीएससी तृतीय वर्ष, वनस्पति शास्त्र-मेजर प्रथम वर्ष की थी। उत्तर पुस्तिका क्रमांक 464486 पाई गई, जो कॉपी आलमारी से निकाली गई। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि उत्तर पुस्तिका अधीक्षक डॉ. असलेन्द्र कुमार जायसवाल के द्वारा हस्तलिखित प्रतीत होती है। परीक्षा के दौरान उन्होंने कॉपी नही लिया। ऐसे में माना है कि समय से पहले प्रश्न पत्र खोले गये। परीक्षा अधीक्षक ने छात्र आकाश कुमार जायसवाल पर मेहरवानी दिखाया है, जबकि वह उस तिथि के परीक्षा में शामिल नही हुआ था और न ही उपस्थिति रजिस्टर में परीक्षार्थी के हस्ताक्षर नही हैं और उत्तर पुस्तिका में छात्र का हस्ताक्षर कूटरचित तरीके से परीक्षा अधीक्षक के द्वारा किया गया है, ऐसा माना गया है। जांच प्रतिवेदन 24 जुलाई को ही प्राचार्य को सौप दिया गया। कन्या कॉलेज सिंगरौली के प्राचार्य ने दूसरे दिन 25 जुलाई को थाना मोरवा के साथ-साथ अग्रणी स्नातकोत्तर महाविद्यालय बैढ़न  को जांच प्रतिवेदन के साथ पत्राचार कर अवगत कराया, लेकिन दो महीने बाद भी कार्रवाई ठण्डे बस्ते में चली गई है। 
परीक्षा अधीक्षक समेत तीन पर कार्रवाई करने पत्राचार
 
शासकीय कन्या महाविद्यालय सिंगरौली के प्राचार्य ने उक्त परीक्षा में परीक्षा अधीक्षक डॉ. असलेन्द्र कुमार जायसवाल पर आरोप है कि इन्होंने प्रतिदिन परीक्षा में डॉ. कमलेश कुमार पाण्डेय एवं ज्योति वर्मा की वीक्षकीय ड्यूटी लगाई जाती रही, जबकि महाविद्यालय में शिक्षकीय स्टाफ उपस्थित रहता है। प्राचार्य ने माना है कि परीक्षा में अनियमितता परीक्षा अधीक्षक एवं वीक्षक डॉ. कमलेश कुमार एवं ज्योति वर्मा ग्रेड-3 की मिलीभगत से फर्जी वाड़ा हुआ है और यह सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ है। प्राचार्य ने इन तीनों पर कार्रवाई करने के लिए पत्राचार किया, लेकिन उक्त कार्रवाई ठण्डे बस्ते में डाल देने से अग्रणी प्राचार्य भी सवालों में घिर रहे हैं।  कार्रवाई जरूर होगी, सितम्बर महीने में जांच रिपोर्ट जेडी रीवा के यहां भेज दिया गया है, कार्रवाई में समय लगती है। एफआईआर के लिए हमारे यहां से नही लिखा गया है। डॉ. एमयू सिद्धिक्की प्राचार्य, अग्रणी महाविद्यालय बैढ़न
 
संवाददाता - मिथिलेश कुमार यादव

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