सरपंच का बैग बस में गायब – शराबी स्टाफ ने किया दुर्व्यवहार, महिला जनप्रतिनिधि ने लगाई न्याय की गुहार

सिंगरौली : जिले में एक महिला सरपंच के साथ हुई घटना ने ना केवल सार्वजनिक परिवहन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि महिला सम्मान और सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ग्राम पंचायत मझौलीपाठ की सरपंच चंदा पनिका, जो वर्तमान में सार्थक पैरामेडिकल कॉलेज, वैढ़न में अध्ययनरत हैं, दिनांक 29 जुलाई को दोपहर लगभग 12:27 बजे राहुल बस (क्रमांक MP66P0502) से बजौड़ी की ओर यात्रा कर रही थीं। उन्होंने बताया कि वह कॉलेज मोड़ वैढ़न से बस में चढ़ीं और ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठीं। खुटार बाजार पहुँचने पर एक आवश्यक कॉल आने के कारण उन्होंने अपना बैग सीट पर रखकर पीछे जाकर बातचीत शुरू की।

लगभग 10 मिनट बाद जब वह लौटकर अपनी सीट पर आईं, तो देखा कि उनका बैग गायब था। जब उन्होंने तुरंत बस ड्राइवर और कंडक्टर से जानकारी मांगी, तो दोनों ने न केवल गैरजिम्मेदाराना उत्तर दिया बल्कि शराब के नशे में अभद्र भाषा में बात करते हुए कहा –
“हम तुम्हारे बैग का ठेका लिए हैं क्या?”

घबराई सरपंच ने रजमिलान पहुँचते ही बस से उतर कर घटना की सूचना पुलिस को देने की ठानी।

 बैग में थे ये ज़रूरी दस्तावेज और सामग्री:

कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट

माइग्रेशन सर्टिफिकेट

आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड

बैंक पासबुक (SBI)

जाति, आय और निवास प्रमाण पत्र

₹3000 नगद

ग्राम पंचायत से जुड़े प्रमाण-पत्र व रिकार्ड

चंदा पनिका ने चौकी खुटार में लिखित शिकायत प्रस्तुत करते हुए मांग की है कि इस मामले की गंभीर जांच हो, बस स्टाफ पर कड़ी कार्यवाही हो और उनके दस्तावेजों की बरामदगी सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि –“यह केवल मेरी व्यक्तिगत हानि नहीं है, बल्कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में मेरे कर्तव्यों से जुड़े दस्तावेजों की चोरी है। अगर मेरे साथ ऐसा हुआ, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं?”

 क्या कहती है यह घटना?

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं और यात्रियों की सुरक्षा आज भी उपेक्षित है। नशे में धुत बस स्टाफ, जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने वाला रवैया और लापरवाही से यात्रियों का सामान गायब हो जाना – ये सब हमारे सिस्टम पर कठोर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।

 अब देखना ये है कि प्रशासन इस मामले में कितनी संवेदनशीलता और तत्परता दिखाता है। एक महिला जनप्रतिनिधि को न्याय दिलाने के लिए क्या बस ऑपरेटरों और कर्मचारियों पर ठोस कदम उठाए जाएंगे?

रिपोर्टर : संतोष पनिका 

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