यूपी-एमपी समेत 12 राज्यों में शुरू होगा मतदाता सूची का ‘विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)’—4 नवंबर से फॉर्म भरे जाएं

देश के 12 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में Election Commission of India (ECI) द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR –Special Intensive Revision) अभियान की शुरुआत अब सिर्फ एक दिन दूर है। इस बार की प्रक्रिया में शामिल हैं: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, तमिल नाडु, पश्चिम बंगाल, और केंद्रशासित प्रदेशों में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप तथा पुडुचेरी।
चुनाव आयोग ने बताया है कि इस प्रक्रिया का गणना-चरण 4 नवंबर 2025 से शुरू होगा। 
पहले चरण में बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित करेंगे। 
फॉर्म में नाम, पता, माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर व आधार संख्या जैसी जानकारी शामिल होगी। उत्तर प्रदेश में यह जानकारी पहले ही जारी हो चुकी है। 
उसके बाद 4 दिसंबर तक घर-घर छानबीन चलेगी। प्रारंभिक मतदाता सूची 9 दिसंबर 2025 को आएगी और दावे-आपत्तियों के बाद अन्तिम सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
इस SIR के दौरान फॉर्म 6 (नाम शामिल करने हेतु) सहित अन्य एन्यूमरेशन फॉर्म भी स्वीकार किए जाएंगे। 
इसके लिए निम्न दस्तावेज में से एक प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा: जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, स्थायी निवास प्रमाण, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि। हालांकि, यदि किसी व्यक्ति का नाम पहले (2003 के बाद) सूची में था तथा पिता-माता का नाम सूची में पहले से दर्ज था, तो दस्तावेज जमा नहीं करना पड़ सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई पात्र मतदाता सूची से छूट न जाए और कोई अपात्र व्यक्ति शामिल न हो।  पिछले दशक में सामाजिक-जनसांख्यिकीय बदलाव, पलायन और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम नहीं हटने जैसी चुनौतियाँ सामने आई थीं, जिन्हें यही प्रक्रिया ठीक कर सकेगी।
उत्तर प्रदेश में 4 नवंबर से शुरुआत हो रही है। 
मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी उसी समय से यह प्रक्रिया शुरू होगी। यह फॉर्म वितरण और जानकारी एकत्र करने की शुरुआत का दिन माना जा रहा है। फॉर्म उसी समय घर-घर वितरित होंगे और अधिकारियों द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसआईआर (SIR) अभियान 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में बड़े पैमाने पर मतदान-पंजीकरण की समीक्षा करने वाला कदम है। इससे मतदाता सूची को ताज़ा करना, गलत प्रविष्टियों को हटाना और नए योग्य मतदाताओं को शामिल करना संभव होगा। 4 नवंबर से शुरुआत हो रही इस प्रक्रिया में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है। यदि आपका नाम सूची में नहीं है या उसमें कोई त्रुटि है, तो इसे सुधारने का यह सुनहरा अवसर है।

 

 

 

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