स्वर्गीय जगन बाबू की बड़े चौराहे पर लगी प्रतिमा रातों-रात शिलापट सहित हटा दी गई
बिसवा : ''हर रह गुजर पर समा जलाना है मेरा काम तेवर हवा के क्या है मैं देखता नहीं'' यह सोच रखने वाले जनपद के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय जगन बाबू की बड़े चौराहे पर लगी प्रतिमा रातों-रात शिलापट सहित हटा दी गई. इसकी कानो कान किसी को खबर नहीं लगी। नगर के बड़े चौराहे पर आजादी की लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद अग्रवाल (जगन बाबू जी ) जिन्हें जनपद का गांधी भी कहा जाता था। उनकी लगी प्रतिमा हटा दी गई । जगन बाबू ने आजादी की लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इन्हें अंग्रेजों ने कई बार जेल भेजा तथा उन्हें सजा भी दी और उनको इतनी पप्रताड़ना दी गई, कि वह दोनों कानो से बहरे हो गए थे जवाहरलाल के साथ वह नैनी जेल में कई बार बंद रहे अंग्रेजों के तमाम दबाव के बाद भी उन्होंने अपना माफी नाम पेश नहीं किया था। मूर्ति स्थल का नाम उनके भाई स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी मुन्नू लाल के नाम से जाना जाता है । यहां आजादी के पूर्व से लगातार गणतंत्र दिवस तथा स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम होते है तथा ध्वजारोहण किया जाता है।जिसमे कभी सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों ने भाग नही लिया। यही नहीं जगन बाबू दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। जगन बाबू की रातो रात प्रतिमा हटाए जाने से ध्वजारोहण करने वाली कमेटी कांग्रेस कमेटी के लोग इस मामले में मुख्य दर्शक बने हुए है। किसी की सत्ता पक्ष के आगे मुंह खोलने की हिम्मत नहीं है। जब पालिका अध्यक्ष पुष्प जयसवाल से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा चौराहे का सौंदर्य करण पालिका द्वारा नहीं कराया जा रहा है यह विधायक निधि से काम हो रहा है, उनके ठेकेदार काम कर रहे हैं पालिका से इससे कोई लेना-देना नहीं है। उधर उप जिलाधिकारी शिखा शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने कहा मुझे इसकी जानकारी लोगों ने दी है मैंने उन्हें अस्वस्थ किया है की सौंदर्य करण के बाद जगन बाबू की प्रतिमा लगाई जाएगी। गौरतलब है बिसवां बड़े चौराहे का सौंदर्यकरण कर विधायक निधि से कराए जाने का प्रस्ताव है परंतु अभी तक डिवाइडर को छोड़कर कोई ऐसा कार्य सौंदर्यीकरण का नहीं किया गया है। चौराहे पर चारों ओर अतिक्रमण है चौड़ी की गई सड़कों के किनारे पटरी दुकानदारों का कब्जा है तथा ई रिक्शा वाले यहां पर खड़े होकर जाम को न्यौता देते हैं। स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना है जिससे आए दिन चौराहे पर दुर्घटनाएं होती है। उनके विरुद्ध आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई । चर्चा इस बात की है की सौंदर्यकरण के बाद चौराहे पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई अथवा दीनदयाल उपाध्याय में से किसी एक के प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव है । जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पूर्व एमएलसी हरीश बाजपेई ने जिला अधिकारी को एक पत्र भेज कर जगन बाबू की प्रतिमा लगाने तथा जगन चौराहा के नाम से नामकरण करने की मांग की है। बहरहाल प्रतिमा हटाए जाने को लेकर नगर में चर्चा का माहौल गर्म है देखना है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जगन बाबू की प्रतिमा को कहां स्थापित किया जाता है आने वाला समय बताएगा।
रिपोर्टर : आर एन
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