धरती की रफ्तार बढ़ी, दिन हुए थोड़े छोटे!

आपने कभी सोचा है कि हमारे 24 घंटे वाले दिन सच में छोटे भी हो सकते हैं? हां, ये सच है! वैज्ञानिकों ने बताया है कि धरती अब थोड़ी तेज घूम रही है और इसी वजह से दिन के घंटे भी थोड़ा सिकुड़ गए हैं।

आगामी कुछ हफ्तों में, खासतौर पर 9 जुलाई, 22 जुलाई और 5 अगस्त को चंद्रमा की खास स्थिति से धरती की रफ्तार में बढ़ोतरी होगी, जिससे हर दिन 1.3 से 1.5 मिलीसेकंड तक छोटा हो जाएगा। ये टाइमिंग इतनी छोटी लगती है, लेकिन पृथ्वी के लिए बड़ा बदलाव है।

करोड़ों साल पहले दिन थे छोटे-छोटे!
सोचिए, करोड़ों साल पहले धरती इतनी तेजी से घूमती थी कि एक दिन केवल 19 घंटे का होता था! उस समय चंद्रमा धरती के बहुत पास था और उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से धरती तेज़ घूमती थी।

धीरे-धीरे चंद्रमा दूर हुआ और धरती की रफ्तार धीमी पड़ने लगी। आज हम 24 घंटे के दिन में जीते हैं, लेकिन ये भी एक दिन बदलेगा।

सबसे छोटे दिन का रिकॉर्ड!
2024 में 5 जुलाई को धरती ने सबसे छोटा दिन रिकॉर्ड किया, जो आम दिनों से 1.66 मिलीसेकंड छोटा था। भले ही ये समय बहुत कम लगे, लेकिन ये धरती के घूमने की रफ्तार में बड़ा बदलाव है।

दिन छोटे रहेंगे या फिर लंबे?
धरती की रफ्तार पर बर्फ पिघलना, भूकंप, जल स्तर में बदलाव और चंद्रमा की दूरी जैसे कई कारण असर डालते हैं। लेकिन चिंता मत करें, ये छोटा दिन रहने वाला नहीं है।

टेक्सास की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्लार्क आर. विल्सन का कहना है कि अरबों सालों में दिन फिर से लंबा होगा, बस यह बहुत धीरे-धीरे होगा, जो हमारी जिंदगी में शायद महसूस न हो।

आखिर क्यों होती है ये सब?
जब आप घुमते हुए लट्टू को तेजी से घुमाते हैं या उसकी धुरी बदलते हैं, तो वह भी तेज घूमता है। ठीक वैसा ही चंद्रमा का असर धरती पर पड़ता है। चंद्रमा की स्थिति बदलने पर धरती का घूमना भी तेज या धीमा हो जाता है।

तो दोस्तों, ये छोटी-छोटी बातें बताती हैं कि हमारी धरती एक जादूगर की तरह अपने नियमों के साथ खेलती रहती है। दिन छोटे हों या बड़े, हमारे लिए हर दिन एक नया अनुभव लेकर आता है!

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