गन्ने की खेती के लिए कौन-सा बीज है बेस्ट? बुवाई करते वक्त इन बातों का रखे ध्यान
गन्ने की खेती (Sugarcane Farming) के लिए सही बीज (सेट या कलम) का चुनाव और बुवाई की सही तकनीक बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है।
गन्ने के लिए बेस्ट बीज (प्रजातियां):
गन्ने का बीज दरअसल उसकी कटिंग (सेट/कलम) होता है, न कि पारंपरिक बीज। अच्छे किस्म के बीज (varieties) का चुनाव आपके क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुसार किया जाना चाहिए। भारत में प्रमुख और बेहतर उपज देने वाली प्रजातियां:
उत्तर भारत के लिए:
Co-0238 (Kanchan) – अत्यधिक उपज देने वाली, मीठा रस और जल्दी पकने वाली किस्म।
Co-0118 – अच्छा गन्ना वजन और चीनी की मात्रा अधिक।
BO-91 – बिहार में लोकप्रिय, फसल जल्दी तैयार होती है।
दक्षिण भारत के लिए:
Co-86032 – महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में प्रसिद्ध, अच्छा रस और अधिक उपज।
Co-62175 – सूखा सहन करने की क्षमता अच्छी है।
गन्ने की बुवाई करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
1. बीज का चुनाव और तैयारी:
3 से 4 आंखों वाली स्वस्थ कलमें (setts) लें।
बीज 8-10 महीने पुरानी फसल से लें, ताकि अंकुरण अच्छा हो।
रोग-मुक्त और रोगप्रतिरोधक किस्में चुनें।
2. बीज उपचार (Seed Treatment):
कलमों को बुवाई से पहले फंफूदनाशक (Fungicide) जैसे बाविस्टिन 0.1% या कार्बेन्डाजिम में 10-15 मिनट तक डुबोएं।
1% बोरिक एसिड का उपयोग भी फायदेमंद है।
3. बुवाई का समय:
उत्तर भारत: फरवरी-मार्च (बसंत कालीन), अक्टूबर-नवंबर (रतोनी/अगैती फसल)।
दक्षिण भारत: जून-जुलाई (खरीफ), जनवरी-फरवरी (रबी)।
4. खेत की तैयारी:
गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरी बना लें।
खेत समतल और जल निकासी वाली होनी चाहिए।
5. बुवाई की विधि:
Trench Method (खाई विधि) बेहतर मानी जाती है।
कतार से कतार की दूरी: 90-120 सेमी।
एक कलम में 3-4 आंखें होनी चाहिए और एक कतार में कलमें सिर से सिर मिलाकर लगाएं।
ध्यान देने योग्य बातें:
गन्ने को व्हाइट ग्रब, शूट बोरर, और टर्माइट्स जैसे कीटों से बचाएं।
फसल में समय-समय पर निरीक्षण और निराई-गुड़ाई करते रहें।
इंटरक्रॉपिंग (बीच में दूसरी फसल) जैसे मूंगफली, उड़द, मक्का आदि भी लाभदायक हो सकती है।

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