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अधिवक्ता की नृशंस हत्या : गांव में दहशत

सुल्तानपुर : यूपी सुल्तानपुर जिले के अखंड नगर थानाक्षेत्र में बीती रात एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। मरूई किशुनदासपुर गांव के निवासी और सम्मानित अधिवक्ता महेंद्र कुमार मौर्य की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। यह घटना उस समय हुई जब महेंद्र रात के समय अपने खेत में जरई (फसल) की सिंचाई कर रहे थे। इस जघन्य हत्याकांड ने न केवल उनके परिवार को गहरे सदमे में डुबो दिया, बल्कि पूरे गांव में सन्नाटा और दहशत का माहौल पैदा कर दिया।महेंद्र कुमार मौर्य एक जाने-माने अधिवक्ता थे, जिनका क्षेत्र में काफी सम्मान था। उनके अचानक इस तरह दुनिया से चले जाने की खबर ने न सिर्फ उनके परिजनों, बल्कि पूरे समुदाय को स्तब्ध कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव के लोग इस अप्रत्याशित त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार, रात करीब 10 बजे के आसपास महेंद्र खेत में सिंचाई के लिए गए थे। इसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोली चला दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर घटना को अंजाम देकर अंधेरे का फायदा उठाते हुए फरार हो गए। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक हमलावरों की पहचान या हत्या के पीछे के मकसद का पता नहीं चल सका है। यह कोई पहली बार नहीं है जब मरूई किशुनदासपुर गांव ऐसी हिंसक वारदात का गवाह बना हो। इससे पहले भी इस गांव में दो किसानों की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आ चुका है। उस डबल मर्डर की गुत्थी अभी तक पूरी तरह नहीं सुलझी, और अब अधिवक्ता महेंद्र की हत्या ने ग्रामीणों के बीच असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक उनके गांव में इस तरह की वारदातें होती रहेंगी, और पुलिस की निष्क्रियता कब तक जारी रहेगी? घटना के बाद पुलिस की कार्यशैली को लेकर परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का आरोप है कि पुलिस इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रही। अखंड नगर के कोतवाल महेंद्र कुमार ने बताया कि प्रार्थना पत्र मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा, लेकिन इस बयान ने ग्रामीणों के गुस्से को और भड़का दिया। उनका कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस त्वरित कार्रवाई के बजाय औपचारिकताओं में उलझी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते पहले की घटनाओं पर सख्ती बरतती, तो शायद आज यह नौबत न आती।महेंद्र कुमार मौर्य की हत्या केवल एक व्यक्ति की हानि नहीं, बल्कि यह उस व्यवस्था पर सवाल उठाती है जो कानून के रखवालों को भी सुरक्षित नहीं रख पा रही। एक अधिवक्ता, जो समाज में न्याय की लड़ाई लड़ता था, अगर खुद इस तरह असुरक्षित है, तो आम नागरिकों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। यह घटना उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

रिपोर्टर : वाजिद हुसैन

 

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