सैफुल्लागंज–मोतीगंज मार्ग पर 48 लाख की सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी

सुल्तानपुर - प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत वर्ष 2022 में सैफुल्लागंज से मोतीगंज मार्ग पर 48 लाख 59 हजार रुपये की लागत से बनाई गई सड़क में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का गंभीर आरोप है कि सैफुल्लागंज और नन्हीं के बीच सड़क का निर्माण तो कराया ही नहीं गया, लेकिन अधिकारियों ने फर्जी तरीके से उसका पूरा भुगतान उठा लिया। मौके पर आज भी अधूरी इंटरलॉकिंग देखी जा सकती है, जो इस भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए काफी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर निष्पक्ष जांच कराई जाए तो सच्चाई साफ हो जाएगी और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। स्थानीय निवासी अफरोज और सोहराब अजीत ने बताया कि बरसात के समय सड़क जगह-जगह कटने लगती है, एक पुल भी बह गया जिसकी मरम्मत तक नहीं कराई गई। सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब है—निर्माण के दौरान प्लांट मिक्सर का इस्तेमाल तक नहीं हुआ, जिससे सड़क बनने के कुछ ही समय बाद जगह-जगह गड्ढे पड़ गए। मामला दिशा समिति की बैठक में सांसद राम भुवाल निषाद के संज्ञान में भी आया, जिसके बाद गड्ढा मुक्त अभियान चलाकर सड़क को अस्थायी तौर पर ठीक किया गया। लेकिन इस बरसात में फिर से कटान शुरू हो गया और सड़क की हालत बद से बदतर हो गई। ग्रामीणों ने मांग की है कि सड़क किनारे पत्थर लगाकर इसे सुरक्षित किया जाए ताकि बरसात में बहाव रोका जा सके।
लगातार शिकायतों के बाद जिले के मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और भरोसा दिलाया है कि जल्द सड़क को पूरी तरह गड्ढा मुक्त कराया जाएगा। दिशा की बैठक में मुद्दा उठाते ही मुंह का अधिकारी ने मामले को संज्ञान मिलकर तत्काल प्रभाव से सड़क का गड्ढा मुक्त अभियान योजना के तहत गड्ढा मुक्ति कर दी गई थी! विभाग की इस कार्यशैली से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सड़क बनी ही नहीं तो फिर भुगतान कैसे हो गया? बरसात के दिनों में यह अधूरी और जर्जर सड़क राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
संवाददाता - दिनेश सिंह अग्निवंशी
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