स्वतंत्रता दिवस श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित हुई काव्य गोष्ठी

सुल्तानपुर : पंद्रह अगस्त की पावन वेला व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर क्षेत्र में संचालित राम मिलन सालिकराम ज्ञानोदय इंटर कॉलेज बल्दीराय के सभागार में एक साहित्यिक कवि गोष्ठी व स्वतंत्रता संग्राम परिचर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ कवि कर्म राज शर्मा तुकांत की वाणी बंदना से हुआ।ततपश्चात वरिष्ठ कवि पुष्कर सुल्तानपुरी ने अपना काव्यपाठ करते हुए पढ़ा-कैसे कोसूं तुझको क़िस्मत, तुझसे टूटे साज मिले।
कहर,टीस,नफ़रत में मुझको, जीने के अंदाज़ मिले।
कौन करिश्मा कर देते हो,जमीं फ़लक सब एक किए।
मैं भी उड़ सकता हूं मुझको,पंख मिले परवाज़ मिले।पढ़कर वाहवाही बटोरी।इसके बाद शिक्षक व साहित्यकार मास्टर शिव कुमार गुप्ता ने अपनी कविता-मैं एक दरख़्त हूँ,
सह लेता हूँ मौसम की मार को,आंधियों की फटकार को, दामिनी की ललकार को,
फिर भी फलता हूँ, फूलता हूँ,मुस्कराता हूँ।विडम्बना यह कि मैं कुल्हाड़ी से नहीं, उसके वेंट से डर जाता हूँ।पढ़कर आज की सामाजिक व पारिवारिक विसंगति पर प्रहार किया।युवा कवयित्री अखिलेश तिवारी डॉली ने अपनी गज़लों से लोंगों को मंत्रमुग्ध करते हुए पढ़ा-वतन के वास्ते सरहद पे जो कुर्बान होता है।हमारे मन के मंदिर का वही भगवान होता है।।
कहा जज़्बात की मानूं तो छलकेंगे मेरे आंसू।
मगर रोना शहादत का यहां अपमान होता है।पढ़कर शहीदों को नमन किया।
कुशीनगर से आये युवा गीतकार विकास वैभव ने अपनी इन पंक्तियों से शहीदों को नमन किया-जमीं दे दिया जो मकाँ दे दिया।कभी ना मिटे वो निशां दे दिया।
उसे हम ना भूलेंगे मरने तलक।
वतन के लिए जिसने जां दे दिया।पर श्रोता वाह वाह कर उठे।वरिष्ठ कवि एडवोकेट राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने विभिन्न सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए पढा-
धर्म सनातन पर टिप्पणियां,करना जिनका सौक रहा है।
उनको कुछ मत कहो, ये समझो,कोई कुत्ता भौक रहा है।
उनका कोई धर्म नहीं है,धर्म का उनको ज्ञान नहीं।
वो खुद हैं,अज्ञानी, पापी,नीच,पतित,पद मान नहीं।
आखिर उनको क्या कुछ कहना, समझो गदहा रेंक रहा है।पढ़कर कार्यक्रम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।संचालन कर रहे कवि कर्म राज शर्मा तुकांत ने पढ़ा-आज़ादी के हवन कुंड में,जिसने जीवन दान किया हैं।
मातृभूमि की स्वत्रंता में,खुद को ही बलिदान किया है।
उन वीरों को नमन हमारा,उनका वंदन अभिनंदन।
जिनकी अमर सहादत ने,यह उन्नत हिंदुस्तान किया है।तो पूरा पांडाल तालियों से गूंज उठा।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला संघ चालक डॉ अवधेश कुमार त्रिपाठी ने कवियों की कविताओं पर प्रकाश डालते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग बलिदान पर अपना विचार प्रकट किया।इस मौके पर भाजपा नेता सुनील कुमार सिंह, आर टी आई एक्टिविस्ट इम्तियाज खान,डॉ शादाब मुस्तफा,आशीष तिवारी, रंजीत सिंह,वरिष्ठ पत्रकार रूपेश दूबे,पीर मुहम्मद,कंस राज जायसवाल, सहित कई साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।विद्यालय के उपप्रधानाचार्य राम राज शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
रिपोर्टर : जगन्नाथ मिश्र
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