जिले की सियासत में केंद्र बिंदु बने विधायक राजेश गौतम का नया अवतार पहले सनातन पर गरजे, अब पुलिस कार्रवाई से हिलाया प्रशासन पूरा सिस्टम डगमगा गया
सुलतानपुर : कादीपुर के विधायक राजेश गौतम इन दिनों जिले की सियासत के सबसे चर्चित चेहरे बन गए हैं। राजनीति के गलियारों से लेकर आम जनमानस तक हर जगह बस उन्हीं की चर्चा है। वजह है — उनका तेजतर्रार, निर्णायक और जनता के हितों के लिए किसी भी हद तक जाने वाला नया तेवर। कुछ दिन पहले कादीपुर कस्बे में एक मंच से सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी होने के बाद विधायक गौतम ने जिस अंदाज में अपनी आवाज बुलंद की, उसने जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया। उन्होंने न सिर्फ मंच से खुलेआम विरोध दर्ज कराया, बल्कि अधिकारियों और शासन तक यह संदेश पहुंचाया कि “सनातन धर्म पर हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उनकी सख्ती का नतीजा यह हुआ कि आरोपी शिक्षक श्यामलाल निषाद को तत्काल निलंबित कर दिया गया। मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बीते मंगलवार को अखंडनगर थाना क्षेत्र के पूरे पिलाई गांव में बुजुर्ग उमाशंकर दूबे की पीट-पीटकर हत्या की घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया। आरोप लगे कि घटना के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों के साथ भी मारपीट की।
यह सुनते ही विधायक राजेश गौतम का पारा चढ़ गया। उन्होंने तत्काल एसपी कुंवर अनुपम सिंह से फोन पर बात की और कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, अन्यथा वह स्वयं आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उनकी सख्ती का असर तत्काल दिखा थाना प्रभारी दीपक कुशवाहा, चौकी इंचार्ज विनोद पटेल और दो सिपाही लाइन हाजिर किए गए। निरीक्षक संत कुमार सिंह को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया, जबकि उपनिरीक्षक विजयंत मिश्रा को कूरेभार चौकी का प्रभार सौंपा गया। एसपी और विधायक के बीच हुई फोन वार्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद यह मामला जिले से निकलकर प्रदेश की राजनीति तक पहुंच गया। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि विधायक की दृढ़ता और जनहित में उठाया गया कदम अब उनकी नई पहचान बन गया है। इसी बीच विधायक राजेश गौतम का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने प्रशासन को सख्त चेतावनी देते हुए कहा मैं कादीपुर का विधायक हूं, दिन-रात जनता के बीच रहता हूं, हर सुख-दुख में साथ खड़ा रहता हूं। अगर मेरे क्षेत्र में ऐसा हाल रहेगा — बुजुर्ग की हत्या होगी, पुलिस पीड़ित परिवार पर ही हाथ उठाएगी — तो यह हमें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। अधिकारी समझ लें, जनता ने हमें उनके हक की लड़ाई के लिए चुना है, और हम चुप नहीं बैठेंगे।” विधायक के इस बयान के बाद जिले का प्रशासन हिल गया, अफसरशाही डगमगा गई, और राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि राजेश गौतम अब जनता के सच्चे प्रतिनिधि के रूप में उभर रहे हैं — पहले सनातन के लिए खड़े हुए, अब न्याय के लिए लड़े।”
रिपोर्टर : दिनेश सिंह अग्निवंशी
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