क्वार्टर फ़ाइनल में उठा रोमांच,के.एन.आई.ने जीता टॉस,मुख्य अतिथि ने गेंद खेलकर किया भव्य शुभारंभ

सुल्तानपुर - क्वार्टर फ़ाइनल मुकाबले का रोमांच उस समय चरम पर पहुंच गया जब के.एन.आई.सुल्तानपुर और बाबा बरुआदास पी.जी. कॉलेज की टीमें मैदान में आमने-सामने उतरीं। सुबह से ही स्टेडियम में खेल प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। रंग-बिरंगे झंडे, खिलाड़ियों का जोश और दर्शकों का उत्साह पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर रहा था। टॉस के समय दोनों टीमों के कप्तान मैदान के केंद्र में पहुंचे, जहां मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री विश्वनाथ इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आशुतोष सिंह ने सिक्का उछालकर टॉस सम्पन्न कराया। किस्मत का सिक्का इस बार के.एन.आई. सुल्तानपुर के पक्ष में गिरा, और कप्तान ने रणनीतिक निर्णय लेते हुए पहले गेंदबाज़ी चुनी। टॉस जीतने के बाद खिलाड़ियों ने मैदान में उतरते ही सधे कदमों के साथ अपनी-अपनी फील्डिंग पोज़िशन संभाल ली। मुख्य अतिथि डॉ. आशुतोष सिंह ने टॉस के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर उन्हें न केवल खेल भावना का संदेश दिया, बल्कि उच्च स्तर का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। मैदान में गूंजती तालियों के बीच उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

इसके बाद मैच को औपचारिक रूप से शुरू करने हेतु एक विशेष पल रचा गया। पी.जी. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार सिंह ने मैच की पहली गेंद फेंकी और मुख्य अतिथि ने उस गेंद को खेलकर मुकाबले का शुभारंभ किया। यह दृश्य उपस्थित दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। दर्शकों ने इस अनोखी शुरुआत का स्वागत जोरदार तालियों और जयकारों के साथ किया।

मैदान के चारों ओर से उत्साहजनक आवाज़ें गूंज रही थीं। के.एन.आई. के गेंदबाज़ जहां अपनी लाइन-लेंथ को सटीक रखने की कोशिश में जुटे थे, वहीं बाबा बरुआदास पी.जी. कॉलेज के बल्लेबाज़ भी अपना मोर्चा संभाले हुए थे। दोनों ही टीमें जीत का जज्बा लिए पूरी ताकत से खेल रही थीं, जिससे हर गेंद, हर रन और हर कैच रोमांच पैदा कर रहा था। इस अवसर पर संस्थान के समस्त शिक्षकगण, क्रीड़ा परिषद के सभी अधिकारी, वरिष्ठ पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। आयोजन समिति द्वारा मैदान की व्यवस्थाओं, सुरक्षा और अनुशासन को प्रशंसनीय रूप से संभाला गया था। हर ओर से खेल के प्रति प्रेम और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान झलक रहा था। कुल मिलाकर,यह क्वार्टर फ़ाइनल मुकाबला केवल खेल नहीं,बल्कि खेल भावना,टीमवर्क,अनुशासन और उत्साह का भव्य संगम साबित हुआ। दर्शकों की खुशियां,खिलाड़ियों का जुनून और मुख्य अतिथि का प्रेरणादायी संदेश इस आयोजन को अविस्मरणीय बना रहा है।

संवाददाता — दिनेश सिंह अग्निवंशी

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