सपने में आईं देवी और दे दी 12 साल बच्ची की बलि...

तंत्र मंत्र, टोना टटका, और अन्धविश्वास इससे न जाने कितने लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन लोग फिर भी इन सब चीजों पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं. हालाँकि ऐसा करना गलत है लेकिन भारत में 75% लोग अंधविश्वास और तंत्र मंत्र पर भरोसा करते हैं. इसपर भरोसा करने से पहले वे लोग एक बार भी नहीं सोचते की इससे किसी दुसरे को क्या नुक्सान हो सकता है. अंधविश्वास और तंत्र मंत्र ऐसी चीज हैं जिससे लोग खुद से सम्बंधित चीजों को सही करने के लिए दूसरों को काफी हद तक नुक्सान पहुंचा देते हैं. ऐसे ही कुछ सामने आया उत्तर प्रदेश के देवरिया से जहाँ मानसिक रूप से बीमार 22 वर्षीय संजय के लिए किया गया. लेकिन उसकी इस स्थिति को सुधरने के लिए जो रास्ता अपनाया गया वो बेहद चौका देने वाला था....
उत्तर प्रदेश के देवरिया में 26 नवंबर को हुई 12 साल की बच्ची की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. एसपी संकल्प शर्मा के मुताबिक तंत्र-मंत्र के लिए बच्ची की बलि दी गई थी. घटना को अंजाम मृतक बच्ची के पिता के मामा-मामी ने दिया था...मामले में पुलिस ने शेषनाथ यादव और उसकी पत्नी सविता को गिरफ्तार कर लिया है और इसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त चाकू व खून से सना कपड़ा भी बरामद कर लिया है. आरोपी दंपति ने पूछताछ में बताया कि उसका बेटा 22 वर्षीय संजय मानसिक रूप से बीमार है. ऐसे में मुझे स्वप्न में अक्सर देवी दिखाई देती थीं. देवी सपने में मुझे आदेश देती थीं कि एक बच्ची/इंसान की हत्या कर शव पर पांच जगह से खून निकालकर टोटका करने से बेटा ठीक हो जाएगा. आपको बता दें कि ग्राम भरहे चौराहा निवासी अवधेश यादव अपनी बेटी अनुष्का के साथ अपने मामा के घर बेहरा डाबर में 26 नवंबर को शादी में शामिल होने पहुंचा था. उसी दिन लड़की की बारात आई थी. नए मकान से शादी की रस्में हो रही थी जबकि पुराने मकान में घर के लोग रह रहे थे. जहां शेषनाथ यादव और उसकी पत्नी सविता भी उत्तराखंड से पहुंचे थे. शेषनाथ-सविता का एक बेटा है, जिसका नाम संजय है और उसकी उम्र 22 वर्ष है. संजय मानसिक रूप से बीमार है. उसे ठीक करने के लिए सविता तंत्र-मंत्र की साधना करती थी. सविता के बयान के अनुसार उसे स्वप्न में देवी ने दर्शन देते हुए कहा कि किसी इंसान की बलि दोगी तो तुम्हारा लड़का ठीक हो जाएगा. जब यह शादी समारोह में अपने गांव पहुंचे तो इनकी अपने भांजे की बेटी अनुष्का पर नज़र पड़ी. अनुष्का थोड़ा कम बोलती थी. 26 नवंबर को सभी शादी में व्यस्त थे, तभी पुराने घर पर यह बच्ची थी और शेषनाथ व उसकी पत्नी सविता ने बच्ची को बहला फुसलाकर अपने पास रोका. इसके बाद रात में चाकू से निर्मम तरीके से हत्या कर दी. फिर शव को एक साल में लपेटकर घर से 400 मीटर की दूरी पर अरहर के खेत से सटे मक्के के डंठल के पीछे छिपा दिया और कुछ दूरी पर कपड़ा फेक दिया. घरवाले जब बच्ची को तलाशने लगे तो वह नहीं मिली. जिसके बाद घरवालों ने भटनी पुलिस थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया. लेकिन उसी दिन 27 नवंबर को लगभग ग्यारह बजे लाश मिली तो ग्रामीण आक्रोशित हो उठे. गुस्साए ग्रामीण लाश को भी नहीं ले जाने दे रहे थे. हालांकि, मौके पर पहुंचे एसपी ने समझा-बुझाकर शव का पोस्टमार्टम कराया और 28 नवंबर को अंतिम संस्कार कराया.वहीं मामले की जांच के लिए 5 थानेदारों को लगाया गया था. साथ ही डीआईजी गोरखपुर ने 50 हज़ार इनाम की भी घोषणा की थी...फिलहाल आरोपियों कि गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन अंधविश्वास ने एक मासूम की बलि चढ़ा दी...
लोग अन्धविश्वास के चक्कर में पड़कर दूसरों को नुक्सान पहुचन में ज़रा भी पीछे नहीं हटते हैं लेकिन देखा जाये तो ऐसा करना बिलकुल ही गलत है. और इन सभी चीजों को करने से पहले लोगों को दूसरों कि हानि और लाभ के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए. दूसरों कि बलि देकर किसी का भला नहीं हुआ है.
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