देखो देखो भाई बहनों माताओं, स्नेहीजनों देखो राम राज्य आ गया, क्या सचमुच रामराज्य आ गया??

सूरत : देखो देखो भाई बहनों माताओं, स्नेहीजनों देखो राम राज्य आ गया, देखो-देखो परिवार के साथ परिवार के प्रत्येक मनुष्य जीव आत्मा सुखी है और आनंद ही आनंद उनके मुंह पर दिखाई दे रहा है ,"जलाओ दीप आंगन में मेरे प्रभु राम आए हैं बजाओ ढोल नगाड़े आंगन में मेरे प्रभु राम आए हैं? "क्या वास्तव में राम आए हैं,या राम राज्य आया है तो देश में इतना ऊथल‌पुथल क्यों है? क्यों अब कोई नेता भ्रष्टाचार का विरोध नहीं करता, क्यों अब जनता थक-हार कर चुपचाप टेबल के नीचे से रूपया देकर अपना काम कराना बेहतर समझती है?अब तो जैसे जनता भी मान चुकी है कि, नेता हैं तो भ्रष्टाचार करेंगा ही क्योंकि अब कोई भी नेता शरीफ नहीं हो सकता है ? इसलिए जनता चुप रहना बेहतर समझती है, और अपना काम टेबल के नीचे रूपया देकर करवाना बेहतर समझती है या दुसरे शब्दों में नेताओं के साथ साथ जनता भी भ्रष्टाचार में भागीदार बनी हुई है इसलिए आजकल दोनों मिलकर गा रहें हैं "राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी"क्योंकि विरोध करने से कोई लाभ नहीं। चोर के मामले में पहले यह कहावत मशहूर थी चोर चोर मौसेरे भाई जबकि अब यह कहावत उल्टी हो गई है "चोर हपाही भाई -भाई"आजकल जो भारत में राजनीतिक परिदृश्य दिख रहा है,कहीं से नहीं लगता है राम आएंगे? वो रामराज्य का दौर ही अलग था एक आदर्श शासन प्रणाली का प्रतीक थी, जिसकी कल्पना हिंदू धर्मग्रंथों और रामायण में की गई है। यह वह समय था जब भगवान राम अयोध्या के राजा थे। राम राज्य को न्याय, धर्म, समानता, समृद्धि और शांति से परिपूर्ण माना जाता है।

1. न्याय और धर्म का पालन – राजा राम ने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलकर शासन किया।

2. जनता की भलाई – सभी नागरिक सुखी, संतुष्ट और सुरक्षित थे। कोई दुखी, गरीब या शोषित नहीं था।
3. प्राकृतिक संतुलन – वर्षा समय पर होती थी, फसलें अच्छी होती थीं, और कोई अकाल या विपत्ति नहीं आती थी।
4. नैतिक शासन – राजा राम खुद को जनता का सेवक मानते थे, और कोई भी कानून सब पर समान रूप से लागू होता था।
5. शासन में पारदर्शिता – हर निर्णय में जनहित को सर्वोपरि रखा जाता था।
6.धर्म आधारित शासन – राजा राम ने धर्म और नैतिकता के अनुसार शासन किया।
7. न्याय और समानता – सबको समान अधिकार और न्याय मिला।
8. जनता की भलाई – हर व्यक्ति सुखी और सुरक्षित था।
9. शांति और समृद्धि – कोई युद्ध, अकाल या बीमारी नहीं थी।
10. प्राकृतिक संतुलन – मौसम सही रहता था और फसलें अच्छी होती थीं।
राम राज्य वह आदर्श शासन था जो भगवान श्रीराम के द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक ऐसा राज्य था जहाँ जनता खुशहाल, सुरक्षित और संतुष्ट थी। रामायण के अनुसार, राम राज्य में कोई दुखी, गरीब, बीमार या अन्याय का शिकार नहीं था। वहाँ धर्म, सत्य, न्याय और शांति का पालन होता था। जबकि आज का समाज बिल्कुल विपरीत है? हर क्षेत्र में पतन हुआ है चाहे नेता हो या जनता सभी इस पतन में बराबर के भागीदार बने हुए हैं ?ऐसी परिस्थिति में राम राज्य की कल्पना कैसे पुरी हो सकती है??ये ऐसा युग है जहां चोर सिपाही आपस में भाई भाई है और जनता दोनों को रुपए देकर दूर से राम सलाम करती है?आपस में मिलकर राम नाम का जयकारा लगाती हैं?यह कलयुग है द्वापरयुग नहीं यहां चोर उचक्के, सिपाही पुलिस मिलकर राम नाम का जयकारा लगाती है भला राम राज्य आए तो आए कैसे??

रिपोर्टर : चंद्रकांत सी पूजारी 

 

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